National News. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आज दोनों देश देश के भीतर एके -203 असॉल्ट राइफल के उत्पादन के लिए 5,100 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान भारत को हथियार प्रणाली की डिलीवरी के प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का मॉडल भी सौंपेंगे.
इस यात्रा का मुख्य आकर्षण AK-203 असॉल्ट राइफल सौदे को अंतिम रूप देना होगा, जिसका उत्पादन उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया जाएगा.
भारत-रूस संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा पांच लाख से अधिक राइफलों का उत्पादन अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के सात सालों के भीतर टेक्नोलॉजी का पूरी तरह से ट्रांसफर कर देगा.
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष इगला एयर डिफेंस सिस्टम सौदे के निष्कर्ष पर भी चर्चा कर रहे थे, लेकिन इस यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले दोनों पक्षों के बीच समझौते पर सहमति बनी थी और अब आखिरी बड़ा मुद्दा टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को हल करना होगा.
इंसास राइफल को एके-203 से किया जा रहा है रिप्लेस
डीआरडीओ की ओर निर्मित भारत की इंसास राइफल को एके-203 से रिप्लेस किया जा रहा है. कई सालों से इंसास में कई इश्यू आ रहे थे, लेकिन अब सरकार ने रूस के साथ ये डील की है.
इस डील के जरिए भारतीय सेना को बंदूक के मामले में काफी सपोर्ट मिलने वाला है. एके-203, इंसास के मामले में काफी हल्की, छोटी और आधुनिक है.
इंसास का मैगजीन लगाए बिना वजन 4.15 किलो है, जबकि एके 203 का बिना मैगजीन वजन 3.8 किलो है. इंसास की लेंथ 960 MM है जबकि एके-203 की 705 MM है, जिसमें भी फोल्डिंग स्टॉक शामिल है. इसलिए यह हल्की, छोटी और खतरनाक बंदूक है.
एके 203 में 7.62x39mm की गोली का इस्तेमाल होता है, जबकि इंसास में यह 5.56×45mm ही है. यानी कैलिबर के मामले में भी यह गन काफी खतरनाक है. एके-203 की रेंज 800 मीटर तक है और मैगजीन 30 राउंड तक है.
इसके अलावा एके-203 राइफल को ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन, कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इंसास में बुलेट पर मिनट की स्पीड ज्यादा थी. एके 203 में 600 बुलेट प्रति मिनट के हिसाब से फायर किया जा सकता है.