मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। भिंड जिले में परीक्षा प्रभारी को निलंबित किया गया है।
देश में पेपर लीक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक राजस्थान में नीट परीक्षा में सॉल्वर, एआई भर्ती में डमी कैंडिडेट, नकल गिरोह और राजस्थान की शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी रीट के बाद उत्तर प्रदेश की शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टेट में पेपर लीक करने के मामले सामने आए हैं। अब मध्यप्रदेश में एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा के पेपर सोशल मीडिया पर लीक होने का मामला सामने आया है। इस मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा गहन जांच की जा रही है और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पेपर लीक करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है। इस बीच, भिंड जिले के कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस को अपने नेटवर्क से आरोपियों की सूचना प्राप्त हुई है, जिसके बाद उन्होंने प्रारंभिक जांच कमेटी बनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक कोचिंग संचालक, उसके शिक्षक पिता व भिंड के जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। वहीं, परीक्षा प्रभारी एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी क्यों हैं संदेह के घेरे में
कलेक्टर कार्यालय की प्रारंभिक जांच में कई बातें सामने आई हैं। जिसके बाद संदेह के घेरे में जिला शिक्षा अधिकारी भी आ रहे हैं। जांच में ये सामने आ रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने पेपर लीक मामले की जानकारी होने के बाद भी कलेक्टर को इससे स्पष्ट तौर पर अवगत नहीं कराया। जिला अधिकारी पर जानकारी को छुपाने की कोशिश, पद-कर्तव्य का पालन नहीं करने, अपराध की सूचना होने के बाद भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई न करने समेत इस अपराध को वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष छुपाकर अपराधी की मदद करने जैसे संगीन आरोप लग रहे हैं।