Indore News – विश्व का पहला कठपुतली नाटक 30 को इन्दौर में, बापू के समूचे जीवन चरित्र का प्रदर्शन जाल सभागृह में 

sadbhawnapaati
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झंडा ऊंचा रहे हमारा अभियान के समापन अवसर पर होगा 11 सफाई दरोगाओं का भी सम्मान 

इन्दौर। संस्था सेवा सुरभि द्वारा प्रवर्तित ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा अभियान’ में रविवार 30 जनवरी शहीद दिवस के उपलक्ष्य में बनारस के क्रिएटिव पपेट थिएटर ग्रुप के कलाकार सुबह 9.30 बजे जाल सभागृह में आयोजित एक समारोह में ‘मोहन से महात्मा’ कठपुतली शो का प्रदर्शन करेंगे।
देशभर में अब तक इसके 11 हजार से अधिक मंचन हो चुके हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्पूर्ण जीवन चरित्र का यह भावपूर्ण दस्तावेज है, जिसे बिहार और राजस्थान सरकार ने सम्मानित किया है। इस अवसर पर देश के सबसे स्वच्छ शहर के 11 झोनल दरोगाओं का सम्मान भी किया जाएगा।
कार्यक्रम का आयोजन संस्था सेवा सुरभि, श्री हरि सत्संग समिति, सूत्रधार, गीता भवन ट्रस्ट एवं पंचम निषाद संगीत संस्थान की सहभागिता में होगा।
संस्था सेवा सुरभि के संयोजक ओमप्रकाश नरेडा एवं अनिल गोयल, सूत्रधार के संयोजक सत्यनारायण व्यास, श्री हरि सत्संग समिति के अध्यक्ष रामविलास राठी एवं सी.के. अग्रवाल, गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री राम ऐरन, संस्था पंचम निषाद की शोभा चौधरी ने बताया कि मोहन से महात्मा शीर्षक यह कठपुतली शो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समूचे जीवन चरित्र को कठपुतलियों के माध्यम से अभिव्यक्त करेगा।
इस कठपुतली नाटक की शुरुआत 8 अक्टूबर 2006 को जयपुर से हुई।  शो में बापू के बचपन से लेकर प्रार्थना सभा में गोली मारने तक की घटनाओं को बड़े सहज ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
छुआछूत के विरोध, राजा हरीशचंद्र, श्रवण कुमारों की घटना से उनके जीवन पर हुए प्रभाव, परीक्षा में नकल न करने की घटना, अपनी माताश्री को दिए गए वचन को जीवनभर पालने, दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन, चंपारण आंदोलन, दांडी मार्च, देश की आजादी, हिन्दू-मुस्लिम दंगे, उपवास, पत्रकार वार्ताएं तथा प्रार्थना सभा में हत्या सहित उनकी समाधि पर पुष्पांजलि जैसी घटनाएं इस कठपुतली शो में दिखाई जाएंगी।
शो में करीब डेढ़ सौ कठपुतलियों का उपयोग किया गया है।  यह देश ही नहीं विश्व का पहला कठपुतली नाटक है जिसके अब तक देश के 15 राज्यों में 11 हजार से भी अधिक प्रदर्शन हो चुके हैं। नेपाल गांधी पीस फाउंडेशन द्वारा नाटक के निर्देशक मिथिलेश दुबे को सम्मानित किया जा चुका है।
इन्दौर में पहली बार इस नाटक की प्रस्तुति होगी। इसके साथ ही झंडा ऊंचा रहे हमारा अभियान का समापन हो जाएगा।
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