देखिये मध्य प्रदेश की विविध ख़बरें

sadbhawnapaati
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देखिये मध्य प्रदेश की विविध ख़बरें:

रोजगार, निवेश और अधो-संरचना विकास को गति प्रदान करने वाला बजट – लोक निर्माण मंत्री श्री भार्गव
भोपाल। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार का फोकस समावेशी कल्याण पर है। आम बजट में सरकार की इस संकल्पना की झलक दिखाई देती है। यह बजट रोजगार, निवेश, विकास और अधो-संरचना को गति प्रदान करेगा।
मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि बजट सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी है। यह एक दूरदर्शी बजट है, इस बजट का लक्ष्य गांव, गरीब और किसान की जिंदगी बदलना है। उन्होंने कहा कि बजट में अधो-संरचना विकास का खासा ध्यान रखा गया है। इस मद में 35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आत्म-निर्भर की संकल्पना को साकार बनाएगी। बजट में एक्सप्रेस-वे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान को हरी झंडी दी है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25 हजार किलोमीटर के विस्तार के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया है।
 केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास
मंत्री श्री भार्गव ने 44 हजार 605 करोड़ रूपये की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्यप्रदेश के लिए 1400 करोड़ रूपये आवंटित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का बुंदेलखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। श्री भार्गव ने कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखंड के सूखे कंठ की प्यास बुझेगी।  परियोजना से मध्यप्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले को लाभ होगा। प्रायः सूखे से ग्रस्त एवं पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना से बुंदेलखंड के पिछड़े इलाके में सामाजिक-आर्थिक समृद्धि आएगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे विस्थापन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
 
प्रधानमंत्री आज करेंगे ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ पर बात
प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं के साथ सुनेंगे प्रधानमंत्री का उद्बोधन
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गरीब, वंचित, पीड़ित एवं किसानों के प्रति समर्पित है। देश आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 फरवरी को प्रातः 11 ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ पर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। प्रदेश भर में यह कार्यक्रम होगा। जिला केंद्रों पर स्क्रीन लगाकर प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन सामूहिक सुनेंगे। प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन को सुनेंगे।
जिला केंद्रों पर होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश में निवासरत राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्य, मोर्चा के पदाधिकारी, सांसद, विधायक, नगर निगम, नगर पालिका, जिला पंचायत के अध्यक्ष, प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजक, सह संयोजक, जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष एवं कार्यकर्ता कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भाग लेंगे।
 
सौर ऊर्जा के लिए 19,500 करोड़ रूपये प्रावधान पर प्रधानमंत्री का आभार : मंत्री श्री डंग
भोपाल। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने केन्द्रीय बजट 2022-23 में सौर ऊर्जा के लिए 19 हजार 500 करोड़ रूपये का प्रावधान करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है। श्री डंग ने कहा कि बजट देश के वर्ष 2030 तक 280 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होगा। ग्रीन ऊर्जा से ”आत्म-निर्भर भारत” और ”आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश” के लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान बढ़ने से परम्परागत ऊर्जा से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आयेगी। सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से कोयला भण्डारों का क्षय और प्रतिवर्ष 38 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन भी रूकेगा। मंत्री श्री डंग ने संस्थाओं और लोगों से सूर्य की अक्षय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर अपने बजट को किफायती और वातावरण को प्रदूषण रहित बनाने की अपील की है।
 
एक जनवरी के बाद प्रदेश लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन किया जाए
श्रम विभाग ने समस्त कलेक्टर्स को जारी किये निर्देश
भोपाल। मध्यप्रदेश के मूल निवासी प्रवासी श्रमिक, जो एक जनवरी 2022 को या उसके बाद मध्यप्रदेश लौट रहे हैं, का प्रवासी श्रमिक पोर्टल एवं रोजगार सेतु पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाए। श्रम विभाग ने इस संबंध में समस्त कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। पूर्व में एक अप्रैल 2021 या उसके बाद मध्यप्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये थे।
प्रदेश में कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों के कारण मध्यप्रदेश के मूल निवासी श्रमिक, जो दूसरे राज्यों में नियोजित थे, मध्यप्रदेश वापस लौट रहे हैं या राज्य के अन्दर अन्य जिलों से लौट रहे हैं। इन सभी को शासन की विभिन्न योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिया जाना है। इसके लिये इनके सर्वे, सत्यापन तथा पंजीयन की कार्यवाही तत्काल प्रारंभ की जानी है।
यह कार्य ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा तथा नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय के वार्ड प्रभारियों द्वारा किया जाएगा। प्रवासी श्रमिक, जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी नहीं है, उन्हें सर्वे में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी मूल निवासी प्रवासी श्रमिकों का सर्वे किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना (संबल) अथवा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना में पंजीयन के लिये पात्रता रखते हैं। साथ ही अन्य राज्यों में कारखानों/उद्योगों में नियोजित म.प्र. के मूल निवासी श्रमिक, जो मध्यप्रदेश लौट रहे हैं, का भी सर्वे एवं सत्यापन किया जाएगा।
रोजगार सेतु पोर्टल URL “www.RojgarSetu.mp.gov.in” पर उपलब्ध है, जिसे मध्यप्रदेश रोजगार पोर्टल से भी जोड़ा गया है। इस पर सर्वे किये गये समस्त प्रवासी श्रमिकों की जानकारी उनके कौशल एवं निवास के जिले अनुसार उपलब्ध है। प्रवासी श्रमिकों में निर्माण श्रमिकों की 43, असंगठित श्रमिकों की 40 तथा कारखानों में नियोजित श्रमिकों की 9 श्रेणियाँ अंकित हैं। पोर्टल पर उन नियोजकों की भी जानकारी प्रदर्शित रहेगी, जिन्हें श्रमिक/मजदूरों की आवश्यकता है। प्रवासी श्रमिक इन नियोजकों से रोजगार के लिए पोर्टल पर दर्ज फोन अथवा ई-मेल से स्वयं भी संपर्क कर सकते हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा सर्वे में अंकित जिन प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराया गया है, उन्हें रोजगार सेतु पोर्टल पर संबंधित ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक द्वारा अंकित किये जाने की कार्यवाही की जाएगी। जिला स्तर पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी, जो नियमित रूप से कार्य की समीक्षा करेगी।
कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये हैं कि प्रवासी श्रमिकों संबंधी सर्वे, सत्यापन एवं पंजीयन कार्य कोविड प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन करते हुए सुनिश्चित किया जाए। समस्त प्रवासी श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड भी अनिवार्यत: बनाए जाने के निर्देश दिये गये हैं।
– असंगठित श्रमिकों की 40 श्रेणियाँ

साईकिल रिक्शा चालक, हाथठेला चालक, शहरी घरेलू कामकाजी महिला, हॉकर, फेरीवाले, कृषि कार्य, हम्माल एवं तुलावटी, बुनकर, केश शिल्पी, मत्स्य पालक, दुकान, रेस्टोरेंट व्यापार में संलग्न, परिवहन कार्य, मनरेगा कार्य, पत्थर तोड़ने तथा दलने वाले, पक्की ईंट तथा टाइल्स बनाने वाले, सिलाई करने वाले, सुगंधित तीलीयाँ एवं अगरबत्ती बनाने वाले, पापड़ अचार जेम्स आदि बनाने वाले, खिलौने बनाने वाले, चमड़े का शोधन करने वले, जूतू तथा कपड़े की वस्तु एवं मरम्मत करने वाले, साफ-सफाई तथा झाडू बहारू करने वाले, रैगपिकर्स, कढ़ाई, कढ़ाई की सजावट तथा वस्त्र बनाने में नियोजित, आटा तेल दाल तथा चावल मिल में नियोजित, प्राइवेट सुरक्षा सेवा, प्लास्टिक उद्योग, बर्तन बनाने वाले, लकड़ी का कार्य करने वाले, दरी तथा कारपेट बनाने वाले, आतिशबाजी तथा माचिस उद्योग, डब्बे तथा पैकिंग कार्य, कबाड़ी, दुग्ध उद्योग, वनोपज कार्य, रेशम उत्पादन, कपड़ो की रंगाई, रेत खदान मिट्टी खदान, लदाई, उतराई, ठेर लगाई, पैकिंग करने, वहन करने, तौलने, मापने में नियोजित, खदानों में नियोजित, खादी हाथकरघा तथा पॉवर लूप उद्योगों में तथा शिप्ली जैसे – बढ़ई, लोहार, गारा बनाने वाले कुम्हार आदि।
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