मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने इस दूसरे बजट में छात्रों, महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस किया.
छात्रों के लिए जहां मेडिकल की सीटें बढ़ीं तो युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुले. बजट में महिलाओं के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए. बजट में एमबीबीएस की सीटें 2035 से बढ़ाकर 3250 कर दी गईं.
इसी तरह नर्सिंग की सीटें 320 की जाएंगी. सीएम राइज योजना के तहत सरकार 360 नए स्कूल खोलेगी. इनके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम में यहां के 12 हजार खिलाड़ी भाग लेंगे. भोपाल में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर खुलेगा.
दूसरी ओर, सरकार ने बजट में बताया कि 13 हजार टीचर्स की भर्ती की जाएगी. निजी क्षेत्र में 40 हजार से ज्यादा नौकरियां निकाली जाएंगी. 5 हजार से ज्यादा आरक्षक भर्ती किए जाएंगे.
इसके अलावा युवाओं को ऋण प्रदान किया जाएगा. 40 से ज्यादा ब्लॉक में आईटीआई खुलेंगे. युवाओं के लिए सिंगरौली में इंजीनियरिंग कॉलेज भी खुलेगा.
सरकार महिलाओं के लिए स्वरोजगार से जोड़ने के लिए स्व-सहायता समूह को नए क्षेत्रों से जोड़कर बैंक कर्ज दिलाएगी. सरकार ने कन्यादान और लाड़ली लक्ष्मी योजना के दूसरे चरण के लिए भी प्रावधान किया.
लागू नहीं होगी पुरानी पेंशन योजना
दूसरी ओर, पुरानी पेंशन योजना फिलहाल मध्य प्रदेश में लागू नहीं होगी. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने इससे स्पष्ट इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने का विचार नहीं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू पेंशन योजना में संशोधन करने का विचार किया जा सकता है. गौरतलब है कि विधानसभा में बुधवार को संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जा रहा है.
इस समारोह के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एक दिवसीय दौरे पर भोपाल आए हैं. एयरपोर्ट पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनका स्वागत किया. उनके साथ BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी थे.
विपक्ष ने किय जोरदार हंगामा
बता दें, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश किया तो विपक्ष ने उनका बजट भाषण सुनने से पहले ही हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच पक्ष, विपक्ष को समझाता रहा, लेकिन वे नहीं माने.
कांग्रेस विधायकों ने गर्भ गृह तक जाकर नारेबाजी की. कांग्रेस ने सदन में आरोप लगाया कि सरकार कैसा बजट पेश करना चाहती है. एक साल में लाखों लोग बेरोजगार हो गए. बिजली के बिलों पर हाहाकार मचा हुआ है. किसान की सुनने वाला कोई नहीं.
ये हैं बजट की खास बातें
महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा.
बजट के मुताबिक, एमबीबीएस और नर्सिंग की सीटें बढ़ेंगी. MBBS की सीटें 2035 से बढ़ाकर 3250 सीट की जाएंगी. नर्सिंग की 50 और सीटें बढ़ाकर 320 की जाएंगी.
चाइल्ड बजट के लिए 27 हजार 792 करोड़ का प्रावधान.
भोपाल, इंदौर, जबलपुर में 217 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनेंगे.
स्वास्थ्य के लिए 13.642 करोड़ का प्रस्ताव.
ST वर्ग के लिए 26941 करोड़ प्रस्तावित.
11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे, जिनसे 11 हजार से ज्यादा रोजगार निकलेंगे.
भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क,
13 हजार टीसर्च की नियुक्ति की जाएगी.
उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क
सागर, शाजापुर, शहडोल, उज्जैन में सोलर प्लांट.
बिजली के लिए 2500 करोड़ का प्रावधान.
अटल प्रगति पथ का काम शुरू.
बजट में गो-संवर्धन के लिए नई योजना शुरू की गई.
फसलों को जीआई टैग दिलाने की कोशिश.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य 4000 किमी सड़कें बनाना हैं.
किसानों को 1 लाख 72 हजार करोड़ की सहायता दी जाएगी.
तीर्थ दर्शन योजना को फिर से शुरू किया जाएगा।
बजट में कन्यादान और लाडली लक्ष्मी योजना का दूसरा चरण शुरू करने की बात कही गई है। इसके लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
छह हजार कॉन्स्टेबल की भर्ती के साथ प्राइवेट सेक्टर में 41 हजार नौकरियों का वादा बजट में किया गया है।
सिंगरौली में माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोला जाएगा।
इतना है राजकोषीय घाटा
हंगामे पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष को पता ही नहीं कि विरोध कब करना चाहिए. बजट पेश ही नहीं हुआ और ये लोग विरोध कर रहे हैं. गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का बजट पेश किया.
इसका राजकोषीय घाटा 55 हजार 111 करोड़ रुपये है. सरकार ने इसमें कोई नया टैक्स नहीं लगाया है.
बजट में महिला, किसान, बेरोजगार और बच्चों पर खास ध्यान दिया गया. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने चाइल्ड बजट अलग से पेश किया.
क्या बोले कमलनाथ
बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में 2022-23 के लिए पेश बजट को पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेल अध्यक्ष कमलनाथ ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि बजट में समाज के किसी वर्ग के लिए कुछ नहीं है। सरकार ने बजट में अधूरे आंकड़ों के सहारे लोगों को केवल झूठे सपने दिखाए हैं।
कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि पिछले बजट के प्रावधानों का कितना उपयोग व क्रियान्वयन हुआ, इसके बारे में बजट में कोई चर्चा नहीं की गई। रोजगार देने का वादा कर कितने लोगों को नौकरियां दी गईं, इसके बारे में भी कुछ नहीं बताया गया।
किसान हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार में किसान ही सबसे ज़्यादा परेशान हैं। उनके लिए बजट में कोई खास घोषणा नहीं की गई। खाद-बीज की कमी से जूज रहे किसानों की मुश्किलें कैसे दूर होंगी, इस पर भी कोई बात वित्त मंत्री ने नहीं की।
कमलनाथ ने आगे कहा कि महंगाई से राहत देने के कोई इंतजाम बजट में नहीं हैं। जनता पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी भरकम करों में राहत की मांग कर रही थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। किसान कल्याण के पिछले अधूरे आंकड़ो को एक बार शामिल कर झूठे सपने दिखाने का काम किया गया है।