इंदौर की मस्ती टॉप गियर में इस गेर में कोई ग़ैर नहीं  लाखों लोगों ने खेली रंगपंचमी, मिसाइलों से उड़ा रंग

sadbhawnapaati
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इंदौर. फिर चढ़ा रंगों का खुमार फिर निकले हुरियारे रंगों की बहार लेकर, दो साल पहले बंद हुई सालो की परंपरा रंगपंचमी पर तीसरे साल फिर शुरू हुई ।
सारा शहर जैसे निकल पड़ा की कोरोना से लड़कर हम डरे नहीं है आज भी वो जज़्बा है जो सालो से था। सुबह 9 बजे से प्रारंभ हुई गैर शाम 4 बजे तक चलती रही।
टोरी कॉर्नर सुबह से ही सज गया था जैसे ही सूरज आगे बढ़ता गया रंगों की ऐसी मस्ती चढ़ी की सारा शहर  रंगीन हो गया ।

राजवाड़ा पहुंचते हुए गैर अपने पारंपरिक रंग में आ चुकी थी कही ढोल मांदल की थाप थी तो कही डीजे गाड़ियों पर झूमते युवा ।

रंगपंचमी पर दो साल बाद निकली रंगारंग गेर में इंदौरी रंग गए। चारों ओर रंगों की बौछार नजर आई। आसमान भी सतरंगी हो गया।
लाखों लोगों का हुजूम ऐतिहासिक गेर का साक्षी बना और हर चेहरे पर रंगों का उल्लास नजर आया। एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच लाख लोग इसमें शामिल हुए।
दरअसल कोरोना के कारण दो सालों से गेर नहीं निकल सकी। इस बार खूब रंग चढ़ा और इंदौर का हर कोना रंगों में रंगा नजर आया। सुबह करीब साढ़े दस बजे गेर निकलने की शुरुआत हुई।
अलग-अलग जगह से अलग-अलग गेर निकली। सबसे आगे मोरल क्लब की गेर थी, जिसके बाद दूसरी गेर पीछे-पीछे चल रही थी।

हिन्द रक्षक संगठन की फाग यात्रा भी इसमें शामिल थी। इसमें युवा भगवा ध्वज लेकर चल रहे थे।

भारत माता की जय के नारे लगाते हुए लोग गेर में रंगों से रंगे हुए थे। मोरल क्लब की गेर में करीब दो दर्जन ट्रैक्टर, कंप्रेसर मशीन शामिल थी। मिसाइलों से रंग बरसाया जा रहा था। इस बार गेर में शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
करीब चार किमी के मार्ग में दो लाख के करीब लोग मौजूद रहे। इंदौर के अलावा देश के दूसरे शहरों से भी लोग गेर देखने पहुंचे।
पांच सेक्टरों में गेर मार्ग को बांटा गया, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी इमारतों से इसकी निगरानी कर रहे थे. करीब चार किमी के क्षेत्र में गेर घूमी और मिसाइलों से पानी फेंका गया।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि दो साल बाद निकल रही गेर को लेकर पुलिस-प्रशासन विशेष अलर्ट पर रहा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने विशेष इंतजाम किए थे ।
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि सादे कपड़ों में भी पुलिस के जवान भीड़ में असामाजिक तत्वों पर नजर रख रहे थे, इधर गेर में इस बार युवक-युवतियों व बच्चों में जबरदस्त उत्साह दिखा आपस में रंग गुलाल उड़ाते हुए चले, सुरक्षा के लिहाज से करीब चार हजार पुलिसकर्मी ने मोर्चा संभाला, नगर निगम के कर्मचारी भी तैनात रहे.

रंगनाथ पहलवान डालते थे रंग

गेर के इतिहास की बात करें तो इसके साथ कई किस्से जुड़े हैं। शहर के प्रसिद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन ने बताया कि पश्चिम क्षेत्र में गेर 1955-56 से निकलना शुरू हुई थी, लेकिन इससे पहले शहर के मल्हारगंज क्षेत्र में कुछ लोग खड़े हनुमान के मंदिर में फगुआ गाते थे।
एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते थे। 1955 में इसी क्षेत्र में रहने वाले रंगनाथ (रंगू) पहलवान एक बड़े से लोटे में केसरिया रंग घोलकर आने-जाने वाले लोगों पर रंग मारते थे।

यहां से रंग पंचमी पर गेर निकलने का चलन शुरू हुआ। रंगू पहलवान अपनी दुकान के ओटले पर बैठा करते थे।

वहां इस तरह गेर खेलने सार्वजनिक और भव्य पैमाने पर कैसे मनाएं चर्चा हुई। तब तय हुआ कि इलाके की टोरी कॉर्नर वाले चौराहे पर रंग घोलकर एक दूसरे पर डालेंगे और कहते हैं वहां से इसने भव्य रूप ले लिया।
होलकर राजघराने के लोग पंचमी के दिन बैलगाड़ियों में फूलों और रंग-गुलाल लेकर सड़क पर निकल पड़ते थे।
रास्ते में उन्हें जो भी मिलता, उन्हें रंग लगा देते। इस परंपरा का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को साथ मिलकर त्योहार मनाना था।
यही परंपरा साल दर साल आगे बढ़ती रही। करीब 300 साल से परंपरा चली आ रही है।
दो साल तक ये उत्साह कोरोना के कारण दब गया था। इस बार युवक-युवतियां, महिलाएं-बच्चों में गेर को लेकर जबरदस्त उत्साह दिख रहा था। लोग टोलियों में रंग-गुलाल उड़ाते चल रहे थे।

ढोल-ताशों और डीजे की धुन पर युवा नाच रहे थे। मोबाइल से सेल्फी लेकर स्टेटस अपडेट कर रहे थे। कई युवा फेसबुक पर लाइव भी कर रहे थे।

गेर में चार प्रमुख आकर्षण

  • कमलेश खंडेलवाल की संगम कॉर्नर चल समारोह समिति की गेर
  • अभिमन्यु मिश्रा की मोरल क्लब गेर
  • राजपाल जोशी की रसिया कॉर्नर की गेर
  • एकलव्य सिह गौड़ के हिंद रक्षक संगठन की गेर

इंदौर इसलिये है नंबर वन…

साढ़े चार किमी गेर मार्ग की डेढ़ घंटे में सफाई, 700 सफाई मित्रों ने सफाई की कमान संभाली : रंगपंचमी पर रंगों से सराबोर सड़कों की महज डेढ़ घंटे में सफाई कर दी।

गेर खत्म होने के तुरंत बाद नगर निगम का अमला सफाई में जुट गया। टोरी कार्नर, लोहार पट्टी, राजबाड़ा, सराफा और गोराकुंड सहित साढ़े चार किमी गेर मार्ग पर 700 सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई।

सड़कों को धोने के लिए दस स्वीपिंग मशीन की मदद ली गई।सुबह 10.30 से शुरू हुई गेर टोरी कार्नल, लोहार पट्टी, इतवारिया बाजार, सीतलमाता बाजार, खजूरी बाजार, राजबाडा, गोपाल मंदिर, सराफा, गोराकुंडा तक पहुंची।

दोपहर 3.15 तक गेर खत्म हुई। इस दौरान सड़कें पूरी तरह रंगीन हो चुकी थी। पूरे मार्ग पर प्लास्टिक की बोतले, चप्पल, फटे कपड़े सहित अन्य कचरा फैला हुआ था।

सफाई के लिए दो दिन पहले ही विशेष सफाई दल बनाया था।निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने गेर समाप्त होने के बाद तुरंत सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए।

दोपहर साढ़े तीन बजे से 700 सफाईकर्मी ने सड़क पर झाडू लगाने के अलावा कचरा भी उठाया।

जबकि सड़कों को धोने का काम स्वीपिंग मशीन से किया गया। साढ़े चार किमी मार्ग की सफाई में एक टैंकर पानी का इस्तेमाल किया गया।

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