सीएम के ओएसडी पर पेपर लीक करने के आरोप के मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा और आनंद राय पर FIR

sadbhawnapaati
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सीएम के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम ने कांग्रेस नेता केके मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। मिश्रा ने मरकाम पर शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप लगाया था। 
Indore Crime News. मध्य प्रदेश सीएम के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम ने राजधानी भोपाल में कांग्रेस नेता केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने ईमानदारी अधिकारी की छवि धूमिल करने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। मिश्रा ने मरकाम पर शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप लगाया था।

भोपाल अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाने के एसीपी नितिन बघेल ने बताया कि रविवार को उप सचिव लक्ष्मण सिंह बघेल एक आवेदन लेकर आए थे। जिसमें उन्होंने बताया कि 26 मार्च को सोशल मीडिया पर परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने को लेकर उनके नाम से कुछ सामग्री अपलोड की गई थी। जिससे वह अपमानित महसूस कर रहे हैं। पुलिस ने आवेदन के आधार पर अलग-अलग धाराओं और एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में केके मिश्रा और आनंद राय को आरोपी बनाया गया है।

बता दें प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने मध्य प्रदेश प्राथमिक पात्रता शिक्षक वर्ग-3 की परीक्षा में चहेतों को भर्ती कराने प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ऑनलाइन परीक्षा का प्रश्न पत्र सीएम के ओएसडी के मोबाइल में मिला है। इसकी उन्होंने सीएम से जांच कराने की मांग की है। अब मामले में उनके ऊपर ही छवि धूमिल करने का मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में डॉ. आनंद राय ने कहा कि इस मामले में जाति उत्पीड़न कैसे हो गया। यदि किसी परीक्षा का पेपर लीक होता है, उसकी जांच करने की मांग करना अपराध कब से हो गया। इस मामले में तो लोकायुक्त को केस दर्ज कर जांच करना चाहिए। जनता के हक के लिए परीक्षाओं में पारदर्शिता की बात करने वालों को अपराधी बनाया जा रहा है। इससे तो साफ है कि मुख्यमंत्री अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर कर रहे है।

 
वहीँ के के मिश्रा ने ट्विट कर कहा – मैनें कल भी कहा था,आज भी कह रहा हूँ कि शिक्षक परीक्षा वर्ग-3 जो ऑनलाइन परीक्षा थी,मोबाइल पूर्णतः वर्जित थे तो 35 पेज का प्रश्नपत्र व आंसरशीट CM के OSD के मोबाइल में कैसे पहुंची? क्या यह किसी जाति का अपमान है? यदि OSD ईमानदार है तो अपने मोबाइल की फोरेंसिक जांच करवाएं।
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