* एमडी अमित तोमर ने किया निरीक्षण
* फीडरों की रीडिंग अब मोबाइल से ही हो जाएगी
* फीडरों की रीडिंग अब मोबाइल से ही हो जाएगी
इन्दौर। बिजली कंपनी अत्याधुनिक तरीके अपना कर आपूर्ति व्यवस्था में और सुधार के लिए हाईटेक तरीके अपना रही है। केंद्र सरकार की आरआरडीएस योजना के तहत इन्दौर जिले के ईमलीखेड़ा और राजोदा में दो नए ग्रिड अत्याधुनिक तरीके से बनाए जाएंगे।
वहीं अब फीडरों से प्रवाहित होने वाले बिजली की आटोमेटिक रीडिंग मोबाइल के माध्यम से हो जाएगी। पहले इसके लिए दस हजार का उपकरण प्रयोग में लाया जाता था।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने इन्दौर ग्रामीण सर्कल के विभिन्न स्थानों के निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी। प्रबंध निदेशक ने देपालपुर के अलवासा और सांवेर क्षेत्र के ईमलीखेड़ा, धरमपुरी का दौरा किया।
इस दौरान मुख्य अभियंता पुनीत दुबे, अधीक्षण अभियंता डीएन शर्मा, कार्यपालन अभियंता अभिषेक रंजन समेत अन्य इंजीनियर मौजूद थे। तोमर ने कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्र के बिजली वितरण व्यवस्था की जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि ईमलीखेड़ा और राजोदा में 33/11 केवी के दो नए अत्याधुनिक ग्रिड बनाए जाएंगे। इन पर लगभग 3 करोड़ रुपए व्यय होंगे। इससे लगभग 12 हजार उपभोक्ताओं को पहले से और अच्छी बिजली प्रदाय होगी। ये ग्रिड आरआरडीएस योजना के तहत बनेंगे।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि कंपनी ने फीडरों की रीडिंग एमआरआई अब विशेष उपकरणों के स्थान पर मोबाइल से करना प्रारंभ की है। पहले फीडरों से प्रवाहित होने वाली बिजली की गणना दस हजार की कीमत वाले विशेष उपकरण से की जाती थी।
अब मोबाइल एप के माध्यम से सारी जानकारी कंप्यूटर में तुरंत दर्ज हो जाएगी। प्रबंध निदेशक तोमर ने कहा कि कंपनी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नए कार्य व गुणवत्ता पूर्ण मेंटेनेंस किया जा रहा है।