भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया के खिलाफ कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याचिका निरस्त करते हुए कहा कि जब याचिकाकर्ता की तरफ से कोई उपस्थित ही नहीं हो रहा तो याचिका चलाने का कोई मतलब नहीं। उक्त याचिका हार्डिया के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सत्यनारायण पटेल ने दायर की थी।
बता दें कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में महेंद्र हार्डिया भाजपा के टिकट पर इंदौर-5 से विधायक चुने गए थे। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल को करीब 1100 मतों से पराजित किया था।
पटेल ने हार्डिया के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए चुनाव याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि वे मतगणना के अंतिम कुछ चरणों को छोड़कर वे शुरू से ही आगे चल रहे थे लेकिन अंतिम दो चरणों में अचानक उनकी बढ़त कम हुई और बाद में हार्डिया को 1133 मतों से निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
याचिका में मतगणना के दौरान गड़बडी का आरोप भी लगाया गया था। इधर याचिका प्रस्तुत करने के बाद से ही पटेल की ओर से कोई उपस्थित नहीं हो रहा था।
कोर्ट द्वारा बार-बार इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। 8 मार्च 2022 को कोर्ट ने पटेल को अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि अगली सुनवाई पर उनकी तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ तो कोर्ट सख्त रवैया अपनाएगी।
बावजूद इसके पटेल की तरफ से सुनवाई के दौरान कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस पर न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने चुनाव याचिका निरस्त कर दी।
कोर्ट ने कहा कि बार-बार आदेशों के बावजूद याचिकाकर्ता की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा। ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता की याचिका चलाने में कोई रूचि नहीं है। ऐसे में याचिका को आगे जारी नहीं रखा जा सकता।