भाजपा बदलेगी गाइडलाइन : मेंदोला, मनोज या संघ का नया चेहरा होगा इंदौर का महापौर प्रत्याशी
महापौर प्रत्याशी की घोषणा के मामले में भाजपा उलझ गई है। मप्र के चार महानगरों में भाजपा की स्थिति ऐसी हो गई है कि किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही।
सीएम के सपनों के शहर इंदौर में स्थिति विकट है और यहां रोज नए नाम चर्चाओं में आ रहे हैं। इसी बीच अब फिर से खबर चली है कि कुछ नगरों में भाजपा विधायकों को चुनाव लड़वाने का फॉर्मूला अपना सकती है।
दरअसल, इंदौर में कांग्रेस ने संजय शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है और जिस तरह से शुक्ला मैदान में आए हैं उसने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इसके बाद से ही चर्चा होने लगी है कि शुक्ला के सामने भाजपा को ऐसा उम्मीदवार उतारना पड़ेगा जिसका भाजपाई भी सहयोग करे और जो हर मोर्चे पर सक्षम हो, इसी चिंता में भाजपा डूबी हुई है क्योंकि सबसे प्रबल दावेदारी दो नंबरी विधायक रमेश मेंदोला की है जो शुक्ला के सामने मजबूत नजर आ रहे है ।
ब्राह्मण वोटरों के लिहाज से भी मेंदोला की दावेदारी प्रबल है, तो चुनावी मैनेजमेंट के हिसाब से भी, मगर गाइडलाइन का शोर हुआ और कहा गया कि भाजपा विधायकों को महापौर का टिकट नहीं देगी। इसके बाद से समीकरण उलझ गए।
बाद में दूसरे नाम चर्चाओं में आने लगे। इनमें नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का नाम दमदारी से आया तो दूसरे नामों में पुष्यमित्र भार्गव, मनोज द्विवेदी,उमेश शर्मा व डॉक्टर निशांत खरे के नाम चर्चाओं में हैं। हालांकि अभी केवल अटकलें चल रहीं हैं और मुहर किसी नाम पर नहीं लगी है।
संघ की पसंद की बात करें तो नए चेहरे को सामने लाने का फार्मूला अपनाया जाये, जिसको लेकर संघ जीत का दावा भी कर रहा है.
इसलिए हो सकता है ऐसा

पार्टी सूत्रों के अनुसार इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला के सामने दमदार प्रत्याशी उतारना पड़ेगा।
इसके बाद मेंदोला और रणदिवे के नाम सामने आए। मेंदोला का नाम गाइडलाइन के चलते उलझा है और कहा जा रहा है कि यदि दूसरे नाम पर सहमति नहीं बनी तो फिर गाइडलाइन को लेकर संगठन स्तर पर बात की जाएगी और कुछ प्रमुख शहरों में अपवाद के तौर पर विधायकों को टिकट दिया जा सकता है, हालांकि यह बहुत मुश्किल लग रहा है लेकिन भाजपा के सामने जो स्थिति है उसे देखते हुए ऐसा किया जा सकता है।
यह संभावना इसलिए जताई जाने लगी है क्योंकि बात अकेले इंदौर की नहीं है। भोपाल, जबलपुर व ग्वालियर को भी लेकर भी पेच फंसा हुआ है। यहां भी बड़े नेताओं की पसंद सहमति के आड़े आ रही है इसलिए किसी एक नाम पर आम राय नहीं बन पा रही।
इसमें उलझन यह है कि यदि कुछ शहरों में विधायकों को टिकट दिया तो फिर बाकी शहरों में भी इसकी मांग न उठने लगे क्योंकि कई शहरों में महापौर उम्मीदवार को लेकर उलझन बरकरार है।
सिर्फ अटकलें, मुहर किसी नाम पर नहीं
पार्टी की ओर से कुछ भी नहीं कहा जा रहा है, राजनेतिक पंडितों द्वारा सभी
सदभावना पाती सर्वे में मेंदोला सबसे आगे
सदभावना पाती अखबार की टीम लगातार शहर में सर्वे कर रही है, सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक और राजनीतिक पंडितों के अनुसार बीजेपी से महापौर पद के प्रत्याशी रमेश मेंदोला हो सकते हैं | सर्वे के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को सीधी टक्कर देने वाले शहर के मजबूत नेता मेंदोला ही है | जबकि दुसरे नंबर पर संघ किसी नए चेहरे को मौका दिला सकता है.