शिंदे को बगावत पर मुख्यमंत्री पद तो एमपी में भी सिंधिया जी को सीएम बना सकती थी भाजपा : दिग्विजय सिंह

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भोपाल। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के सीएम बनने पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश के संदर्भ में कटाक्ष करते हुए कहा कि 39 विधायकों के साथ बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए हैं तो 106 विधायकों के बावजूद भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। दिग्विजय सिंह ने अब कांग्रेस से बगावत कर भाजपा की सरकार बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर चुटकी ली है। उन्होंने कहा है कि सिंधिया को भी मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था और शिवराज सिंह चौहान को उपमुख्यमंत्री।
दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कहा कि यह भाजपा का अन्याय और दोहरा मापदंड है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा बड़ा अन्याय करती है। एकनाथ शिंदे जी को बगावत करने पर मुख्यमंत्री पद दे कर देवेंद्र फडनवीस को उपमुख्यमंत्री बना दिया। मध्यप्रदेश में भी सिंधिया जी को मुख्यमंत्री बना कर शिवराज चौहान जी को उपमुख्यमंत्री बना सकते थे। लेकिन नहीं किया। सरासर दोहरा मापदंड है।’ दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट के साथ सिंधिया को लेकर एक न्यूज वीडियो को भी शेयर किया जिसमें केंद्रीय मंत्री इस मुद्दे पर मीडिया कर्मियों को जवाब दे रहे हैं।
एक दिन पहले ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत में शिंदे और फडणवीस को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह सरकार अच्छा काम करेगी। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें भी मुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद है तो उन्होंने खुद को जनता का सेवक बताते हुए कहा कि ना तो उन्होंने ना ही उनके परिवार से किसी व्यक्ति ने कभी किसी पद की लालसा की है। सिंधिया ने कहा, ”मैं आपका सेवक हूं। मैं ग्वालियर की जनता का सेवक हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता का सेवक हूं। ना कभी राजमाता जी ने, ना कभी मेरे पिता जी ने, ना मैंने कभी कभी कुर्सी या पद का सोचा है। मैं केवल सेवक हूं और केवल सेवक के आधार पर 30 साल जनसेवा के पथ पर चला हूं। जो भी जिम्मेदारी मुझे दी गई थी उसे पूर्ण निभाने की कोशिश की है। मेरे लिए कोई उपाधि सबसे महत्वपूर्ण है तो वह है जनसेवा की।”
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।