इन्दौर। साइबर पुलिस द्वारा समय समय पर चेतावनी और एडवाइजरी जारी करने के बावजूद शहर में रोजाना करीब दस से ज्यादा लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं फिर भी पुलिस समय रहते संपर्क करने वालों को उनका पैसा वापस दिलवा रही है। इन्दौर पुलिस पिछले डेढ़ साल में ऐसे लोगों के दो करोड़ रुपए वापस करवा चुकी है। साइबर ठगोरे कभी ओएलएक्स पर सामान बेचने, कभी किराए का मकान लेने, इंश्योरेंस पॉलिसी, लॉटरी खुलने, लोन और केबीसी के नाम पर तो कभी सेना के अधिकारी बनकर ठगते हैं। लोग भी इनकी बातों में आकर ठगी का शिकार हो जाते है। पहले रोजाना चार-पांच शिकायतें क्राइम ब्रांच के पास पहुंचती थीं, लेकिन अब यह आंकड़ा बारह पंद्रह हो गया है। क्राइम ब्रांच ने लोगों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है, जिस पर लोग तुरंत सूचना देकर अपना पैसा वापस पा रहे हैं। डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने डेढ़ साल में ठगी के शिकार हुए लोगों के दो करोड़ रुपए वापस दिलवाए हैं। पिछले माह 30 लाख रुपए वापस करवाए थे। रोजाना किसी न किसी व्यक्ति के पैसे वापस करवाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी जारी करती है , लेकिन लोग फिर भी गलती करते हैं। साइबर अपराध से बचने का जागरूकता ही एक तरीका है।