नियम विरुद्ध चल रहे संस्थानों पर दो दिन में कार्रवाई के निर्देश
जबलपुर। प्रदेश में नियम विरुद्ध चल रहे नर्सिग कॉलेजों के फर्जीवाड़े पर एमपी हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। अयोग्य होने पर नर्सिग काउंसिल रजिस्ट्रार को हटाने के निर्देश के बाद मामले में चल रही सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मप्र नर्सिग काउंसिल से पूछा कि उन १४९ नर्सिग कॉलेजों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई जिन्होने नोटिस का जवाब भी नहीं दिया।
नियम विरुद्ध संचालित कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने काउंसिल को दो दिन का वक्त दिया गया है। वहीं अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई इसका ब्यौरा शपथ पत्र के साथ पेश करने का आदेश दिया है।
गाड़ियों के शोरूम में चल रहे कॉलेज
हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट की सख्ती के बाद गुरुवार को एमपी नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार की ओर से जवाब पेश किया गया था। इसमें कहा गया कि साल २०२०-२१ में नियम विरुद्ध खुले नर्सिग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है.
हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट की सख्ती के बाद गुरुवार को एमपी नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार की ओर से जवाब पेश किया गया था। इसमें कहा गया कि साल २०२०-२१ में नियम विरुद्ध खुले नर्सिग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है.
जबकि ४५३ में से १४९ नर्सिग कॉलेजों ने काउंसिल के नोटिस का जवाब नहीं दिया। नोटिस का जवाब न देने वाले कॉलेजों पर अब मप्र नर्सिंग काउंसिल को २ दिनों में कार्रवाई करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर की लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश के ४५३ नर्सिग कॉलेजों को मान्यता देने में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
जिसमें कहा गया है कि कई नर्सिग कॉलेज गाडिय़ों के शोरूम और वर्कशॉप में चल रहे हैं जिनमें न लैब-लायब्रेरी है और न ही कॉलेज-हॉस्टल की बिल्डिंग, याचिका में इस फर्जीवाड़े को प्रदेश के हैल्थ सेक्टर से खिलवाड़ बताया गया है।