भोपाल। मध्य प्रदेश का बड़ा इलाका बाढ़ और बारिश से परेशान है। नदी नाले उफन रहे हैं। बस्तियां और गांव डूब रहे हैं। लेकिन ऐसे हालात में भी प्रदेश के 19 जिलों में सूखा पड़ा हुआ है। इन इलाकों को पानी की दरकार है। मॉनसून का आधा मौसम बीत चुका है लेकिन यहां अभी तक औसत बारिश भी नहीं हो पायी है।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश से नदी,तालाब औऱ डेम लबालब हैं। लगातार हो रही भारी बारिश से ज्यादातर जिले बाढ़ की चपेट में हैं। दूसरी तरफ प्रदेश में 19 जिले ऐसे हैं, जहां पर अभी भी बारिश का इंतजार है।
अब जबकि बारिश का आधा मौसम बीत चुका है इन जिलों में अभी तक औसत से भी कम बारिश हुई है। इनमें से ज्यादातर बुंदेलखंड के और बाकी महाकौशल और चंबल इलाके के हैं।
बारिश के आंकड़े पर एक नजर
मध्य प्रदेश में मॉनसून के आने की तारीख 15 जून मानी जाती है। बाकी पूरे प्रदेश में समय पर मॉनसून आया औऱ समय से पहले ज़रूरत से ज्यादा बारिश हो चुकी। लेकिन 19 जिलों में औसत बारिश भी नहीं हो सकी।
मध्य प्रदेश में मॉनसून के आने की तारीख 15 जून मानी जाती है। बाकी पूरे प्रदेश में समय पर मॉनसून आया औऱ समय से पहले ज़रूरत से ज्यादा बारिश हो चुकी। लेकिन 19 जिलों में औसत बारिश भी नहीं हो सकी।
17 अगस्त तक छतरपुर में 12 फीसदी कम, दमोह में औसत से 19 फीसदी कम, डिंडोरी में औसत से 21 फीसदी, जबलपुर में औसत से 8 फीसदी, कटनी में औसत से 17 फीसदी, निवाड़ी में 12 फीसदी, पन्ना 12 फीसदी, रीवा 41 फीसदी, सतना 21 फीसदी, शहडोल 8 फीसदी, सीधी 42 फीसदी कम, सिंगरौली 30 फीसदी, टीकमगढ़ 27 फीसदी, उमरिया 14 फीसदी कम, अलीराजपुर 29 फीसदी कम, दतिया 36 फीसदी, धार 2 फीसदी, झाबुआ 16 फीसदी और मुरैना में 4 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई है।
औसत से 20 फीसदी ज्यादा बारिश
प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। प्रदेश भर में कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। मध्यप्रदेश में 1 जून से 17 अगस्त तक सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हो चुकी है। सामान्य से 20 फीसदी औसत बारिश ज्यादा हुई है।
प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। प्रदेश भर में कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। मध्यप्रदेश में 1 जून से 17 अगस्त तक सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हो चुकी है। सामान्य से 20 फीसदी औसत बारिश ज्यादा हुई है।
पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 3 फीसदी से ज्यादा अधिक बारिश हुई है, तो वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 36 फीसदी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। भोपाल में तो इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो चुकी है। यहां अब तक 92 फीसदी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
टूट सकता है 2016 का रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश में इस बार भारी बारिश हो रही है। यदि इसी तरह बारिश होती रही तो साल 2016 का रिकॉर्ड टूट सकता है। 2016 में 58.56 बारिश रिकॉर्ड हुई थी। मानसून सीजन जाने में अभी 43 दिन बाकी हैं।
मध्यप्रदेश में इस बार भारी बारिश हो रही है। यदि इसी तरह बारिश होती रही तो साल 2016 का रिकॉर्ड टूट सकता है। 2016 में 58.56 बारिश रिकॉर्ड हुई थी। मानसून सीजन जाने में अभी 43 दिन बाकी हैं।
मौसम विभाग ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में और बारिश होने का अनुमान जताया है। भोपाल में अब तक 51.30 इंच बारिश हो चुकी है जो सीजन के कोटे से 9.30 इंच ज्यादा है।