Health News. एक या एक से अधिक कशेरुकाओं में फ्रैक्चर, डिसलोकेट होने, कुचल जाने या सिकुड़ने की वजह से आपकी रीढ़ पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी में बहुत ज्यादा दर्द हो सकता है. अगर आपको लगता है कि रीढ़ की हड्डी की इस तरह की भयावह चोट की वजह से आपके चलने-फिरने में भी दिक्कत हो जाएगी, आप पूरी तरह से बैड पर आ जाएंगे तो आपको इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है. क्योंकि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कुछ ऐसी एक्सरसाइज हैं, जिनकी मदद से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं और इस समस्या का आपकी जिंदगी पर असर भी महसूस नहीं होगा.
हाल में हुई एक स्टडी में इसी प्रश्न का हल खोजने की कोशिश की गई कि क्या स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित व्यक्ति ठीक से वॉक कर सकता है या दौड़ सकता है? इस अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में जैविक रूप से लकवाग्रस्त चूहों के एक मॉडल में कृत्रिम नसों की मदद सफलतापूर्वक गतिशीलता प्रदान करने में मदद मिली है. शोधकर्ताओं ने एक लकवाग्रस्त चूहे को चलने, गेंद को लात मारने और ट्रेडमिल पर दौड़ने के लिए प्रशिक्षित किया. इस रिसर्च में यह पाया गया कि रीढ़ की हड्डी में समस्या होने के बावजूद व्यक्ति चल और दौड़ सकता है.
रीढ़ की हड्डी की समस्या में किस तरह की एक्सरसाइज हो सकती हैं मददगार
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित लोग यदि स्ट्रेचिंग करते हैं तो यह उनके जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करने में मददगार हो सकती है. अपने पूरे शरीर में लचीलापन लाने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज में सभी मुख्य मांसपेशी समूहों को शामिल किया जाना चाहिए. इसमें आपको कंधे, कूल्हे, घुटने और टखनों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि रीढ़ की समस्या होने पर इन्हीं जगहों पर ज्यादा असर पड़ता है. स्पाइनल कॉर्ड इंजरी में आप स्ट्रेचिंग की यह एक्सरसाइज स्वयं कर सकते हैं और चाहें तो किसी ट्रेनर, थेरेपिस्ट या परिवार के किसी सदस्य और दोस्त की भी मदद ले सकते हैं. यहां तक कि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी इस तरह की समस्या में नियमित स्ट्रेचिंग सेशन्स काफी फायदेमंद हो सकते हैं. सबसे पहले हर ग्रुप की मांसपेशियों को 30 सेकंड तक स्ट्रेच करें. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज से पहले और बाद में दोनों समय स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद होता है.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
इस स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान आप जिन खास मांसपेशियों पर ज्यादा कंट्रोल चाहते हैं, उनसे जुड़ी एक्सरसाइज पर आपको फोकस करना चाहिए. नीचे हम कुछ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं.
ट्रंक पुश-अप्स
क्रॉस फिट बैलेंस वर्क
आइसोमीट्रिक बैक एक्सरसाइज
स्पाइनल ट्विस्ट्स
सभी दिशों में झुकने से जुड़ी एक्सरसाइज
लोअर बॉडी ट्विस्ट
अलग-अलग तरह की इंजरी के अनुसार हर व्यक्ति की मांसपेशियां अलग होती हैं. हर एक्सरसाइज को शुरुआत में 10-10 बार करना चाहिए, इसमें एक सेट 10 रिपीटिशन का होना चाहिए. हर सेट के बाद आराम करें और हर सेट को एक या दो बार जरूर करें. स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग में स्वयं को लगातार पुश करें और यह तब तक करें, जब तक आपको किसी अन्य की मदद की जरूरत न महसूस हो.
एरोबिक वर्कआउट
एरोबिक्स का कार्डियो हेल्थ पर पड़ने वाले अच्छे असर के बारे में तो आप जानते ही हैं. इसके अलावा यह स्पाइनल इंजरी में भी मददगार हो सकती है. अपनी एक्सरसाइज में इन एरोबिक एक्सरसाइज को शामिल करें.
हाथों से साइकिलिंग करना
रोइंग
सर्किट एक्सरसाइज
तैराकी
व्हीलचेयर बास्केटबॉल गेम
आप कितनी कठिन एक्सरसाइज कर रहे हैं, इसके लिए एक साधारण सा टॉक टेस्ट किया जाता है. अगर आप व्यायाम के दौरान बात तो कर पा रहे हैं, लेकिन गाना नहीं गा पाते हैं तो समझ लें कि आप मॉडरेट लेवल की एक्सरसाइज कर रहे हैं. अगर आप कठोर व्यायाम कर रहे हैं तो आप कुछ ही शब्द बोल पाएंगे और इससे ज्यादा बोलने के लिए आपको गहरी सांस लेने की आवश्यकता पड़ेगी.
अगर आप स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित हैं तो आप जानते ही होंगे कि आप सामान्य दिनचर्या से अपनी फिटनेस बनाए नहीं रख सकते. किसी तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए आपको नियमित तौर पर व्यायाम की आवश्यकता होगी. अगर संभव हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे अपनी समस्या के अनुरूप एक्सरसाइज पूछें.