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Education News: एमयू कुलसचिव को एनएसओ ने ज्ञापन सौंप लगाया आरोप, बंदरों के हाथों में थमा दिया उस्तरा

जबलपुर। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) में इन दिनों स्थिति ऐसी है कि जैसे बंदरों के हाथों में उस्तरा थमा दिया गया हो। गोपनीय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की बागडोर ऐसे अकुशल, अयोग्य, असंवेदनशील और नौसीखिए अधिकारियों के हवाले कर दी गई है कि न परीक्षाएं समय पर हो पाती हैं न हीं रिजल्ट समय पर आ रहे हैं, जिसके चलते लाखों विद्यार्थी परेशान हैं।
नर्सिंग छात्र संगठन (एनएसओ) ने उक्ता आरोप लगाते हुए सोमवार को एमयू के कुलसचिव डॉ. प्रभात बुधोलिया को ज्ञापन सौंपा। एनएसओ ने ज्ञापन में चेतावनी भी दी कि यदि समय रहते एमयू की व्यवस्थाएं दुरुस्त न हुईं तो विधानसभा के सत्र के दौरान भोपाल में प्रदर्शन किया जाएगा।
संगठन के अध्यक्ष गोपाल पाराशर ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा अभी तक बीएससी नर्सिंग के २०२०-२१ के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का टाइम टेबल तक घोषित नही किया गया है। जबकि कॉलेज में इन विद्यार्थियों की तृतीय वर्ष की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। जो विद्यार्थी स्कॉलरशिप के सहारे पढाई पूरी करने आये हैं उनके पास मार्कशीट न होने के कारण स्कॉलरशिप भी नही मिल रही है।
आलम ये है कि ऐसे विद्यार्थियों के परिजनों को यहाँ-वहाँ से ऋण लेकर अपने बच्चों की फीस करने विवश हैं। जिसके चलते विद्यार्थी न सिर्फ परेशान हैं बल्कि उनके इस तनाव का उनके अध्ययन पर भी असर पड़ रहा है। एमय के अधिकारियों को कथित तौर पर विद्यार्थियों की इन समस्याओं से कोई लेना देना ही नहीं है। परीक्षा और रिजल्ट वाला विभाग विद्यार्थियों के भविष्य को सीधे प्रभावित करता है।
इसलिए इस विभाग में योग्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही कॉलेजो में नियमानुसार शिक्षक नियुक्त हो सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी करके नर्सिंग काउंसिल भोपाल को निर्देश दिया है कि नर्सिंग कॉलेजो द्वारा मान्यता हेतु भरे जाने वाले ऑनलाइन फॉर्म मे नर्सिंग स्टाफ के लिए यूनिक आईडी अनिवार्य की जाए इसलिए मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा भी संबद्धता हेतु भरे जाने वाले फॉर्म में यूनिक आईडी को तत्काल अनिवार्य किया जाए। जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लग सके साथ ही यूनिवर्सिटी द्वारा मार्कशीट व डिग्री समय पर प्रदान नही की जा रही हैं।
साथ ही यूनिवर्सिटी द्वारा पेपर लीक मामले के दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाय उनका बचाव किया जा रहा है। संगठन द्वारा सभी समस्याओं का निराकरण जल्द करने की मांग की गई है। अगर मांगे नही मानी जाती है तो संगठन द्वारा आगामी दिनों में यूनिवर्सिटी में धरना प्रदर्शन करने के साथ साथ भोपाल में विधानसभा सत्र के समय आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन के दौरान पूरे मध्यप्रदेश के जिलों से स्टूडेंट्स शामिल रहे।
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