विधानसभा में फूट-फूटकर रोए कांग्रेस विधायक पांचीलाल, बोले- मुझे पुलिस ने पीटा; भाजपा विधायक ने गला दबाया, मेरी जान को खतरा है
उमाकांत बोले- कांग्रेस कर रही ड्रामेबाजी, असल जान का खतरा मुझे
भोपाल। मप्र विधानसभा का मॉनसून सत्र ढाई दिन में ही खत्म हो गया। सत्र सिर्फ 5 दिन का था लेकिन वो भी पूरा नहीं चल पाया। छोटा सत्र बुलाने के कारण कांग्रेस पहले ही इसका विरोध कर रही थी। वो भी पूरा नहीं चल पाया तो कांग्रेस ने तीव्र आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। सरकार ने कहा-विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा ही नहीं करना चाहता।
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बिना चर्चा के बजट और 11 संशोधन विधेयक पास कर दिए गए। जिसके विरोध में कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढा ने अपने कपड़े फाड़ लिए। इससे पहले विधानसभा के बाहर उनके आंसू छलक गए थे। कैमरे के सामने विधायक रो पड़े थे। सदन में कुर्ता फाड़ने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढा फटे कपड़े पहने ही विधानसभा से बाहर निकले। उन्होंने मीडिया के सामने बयान देते हुए बीजेपी विधायकों पर गंभीर आरोप लगाए। पांचीलाल ने कहा कि मेरे कपड़े भाजपा विधायकों ने फाड़े है। आदिवासी विधायकों के साथ आज सदन में गलत हुआ है। मेरे जान को खतरा है। मुझे सुरक्षा चाहिए।
फूट-फूटकर रोए पांचीलाल
विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने रोते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा में पुलिस वालों ने उनसे मारपीट की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने धक्का-मुक्की करते हुए मेरा गला दबा दिया। मेरी जान को खतरा है…। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पांचीलाल के आंसू पोछे। गुरुवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन है। सत्र शुरू होने के पहले कांग्रेस विधायक विधानसभा के गेट नंबर 3 के सामने धरने पर बैठ गए।
विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। यहीं मीडिया से बात करते हुए पांचीलाल मेड़ा रो पड़े। कांग्रेस ने सदन की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भाजपा विधायक पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कांग्रेस के विधायक पांचीलाल मेड़ा को जान का खतरा है। उन्होंने सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।
पोषण आहार के मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर हंगामा
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पोषण आहार का मुद्दा उठाया और चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा के लिए अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विरोध जताया। इस बीच कांग्रेसी विधायकों ने आदिवासियों के साथ अत्याचार के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी। मिश्रा ने कहा कि मामले का पटाक्षेप हो गया। कांग्रेसी चर्चा कराने पर अड़े रहे। अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल हो जाने दीजिए। लेकिन हंगामा होने के चलते कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के बीच पास हुआ अनुपूरक बजट
विधानसभा की कार्रवाई फिर शुरू होने पर विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस बीच अनुपूरक बजट पेश किया गया। सरकार के 7 मंत्रियों ने अपने विभागीय पत्र को पटल पर रखा। विपक्षी विधायक आसंदी के पास जाकर हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच 9 हजार 5 सौ 39 करोड़ 3 लाख 70 हजार 300 रुपए का अनुपूरक बजट पास हुआ। इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें सदन 17 सितंबर तक चलना था।
43 मिनट में बिना चर्चा पारित हुए सभी विधेयक
बारह बजे सदन की कार्यवाही पुन: प्रारंभ होते ही दोनों पक्षों की ओर से आसंदी के समक्ष नारेबाजी की जाने लगी। इस स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने एक-एक करके सभी विधेयक और प्रतिवेदन प्रस्तुत कराए। 43 मिनट में नौ हजार 519 करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट, भारतीय स्टांप शुल्क मध्य प्रदेश संशोधन, लाड़ली लक्ष्मी बालिका प्रोत्साहन, वेट अधिनियम, काष्ठ चिरान विनियमन, नगर पालिक विधि, मध्य प्रदेश नगर पालिका द्वितीय संशोधन, निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन, सिविल न्यायालय, मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल और भू-राजस्व संहिता में संशोधन विधेयक बिना चर्चा पारित हो गए।
राजभवन के सामने धरने पर बैठ गए पांची लाल
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उन्हें राजभवन के सामने ही रोड पर पुलिस ने रोक दिया। डॉ. गोविंद सिंह विधायकों के साथ अंदर चले गए, लेकिन पांची लाल बाहर ही रह गए। इसी बात पर वे नाराज हो गए। विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के समझाने पर पुलिस ने पांची लाल को अंदर जाने की अनुमति दी। कांग्रेस दल ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की।
असल जान का खतरा मुझे: उमाकांत
भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ ड्रामेबाजी कर रही है। असली जान का खतरा तो मुझे है। मुझे कांग्रेस के तमाम नेताओं से जान का खतरा है। मेरे परिवार को कांग्रेस के नेता नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब ये सदन के अंदर कॉलर पकड़ सकते हैं, तो बाहर तो उनके हौसले और बुलंद होंगे। मैं मांग करता हूं कि मुझे सुरक्षा दी जाए। कांग्रेस को कोई डर नहीं है। वो अध्यक्ष के सामने ही हमलावर हो जाते हैं।
आरोपों को विधानसभा अध्यक्ष ने किया खारिज
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि पांचीलाल मेढा से सदन में कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ है। पांचीलाल मेड़ा ने खुद अपने कपड़े फाड़े है। सीसीटीवी चेक करवाया है, कोई मारपीट नहीं हुई है। सुरक्षा को लेकर दो विधायकों का पत्र मिला है, जो सरकार को भेजूंगा। सदन के अंदर की सुरक्षा की मेरी और बाहर सरकार की जिम्मेदारी है।