नर्सिंग कालेजों में फर्जीवाड़ा मान्यता देने वाले उल्टे कब लटकेंगे, कब तक बचेंगे भ्रष्ट अधिकारी- डॉ. गोविन्द सिंह

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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MP Nursing College News। म.प्र. में नर्सिंग कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच सी.बी.आई. से कराने के आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने दिए हैं, लेकिन जिन अधिकारियों ने आंखें बंद करके और भारी भरकम रकम लेकर मान्यता दी है, उन अधिकारियों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मुख्यमंत्री जी का “जमीन में गाड़ दूंगा और उल्टा लटका दूंगा” वाले डायलॉग टांय-टांय फिस्स नजर आ रहा हैं ।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा है कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता देने संबंधी नियम व निर्धारित मापदंड तय है, लेकिन नर्सिंग काउंसिल व अन्य अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर म.प्र. नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम – 2018 के प्रावधानों का उल्लंघन कर दो-दो कमरों वाले कॉलेजों को मान्यता का लाइसेंस गरीबों को लूटने के लिए दिया है।
MP News – मान्यता देने वाले अधिकारियों ने न तो फिजिकल वेरीफिकेशन किया है और न ही मौके पर जाकर स्टाफ की जानकारी ली। नतीजन माननीय उच्च न्यायालय को कार्यवाही करना पड़ी।
सरकार की अनदेखी पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कड़ी फटकार लगाई उसके बाद हड़कंप तो मचा, लेकिन वे अधिकारी बच गए, जिन्होंने लाखों रूपए लेकर मान्यता दी और मिल बांट कर रकम डकार ली ।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि कई गरीब छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने जमीन गिरवी रखकर साहूकारों से रकम लेकर अपने बच्चों का एडमिशन कराया और फीस जमा की, उन कॉलेजों के बंद होने से उन छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री जी अपने डायलॉग पर अमल कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करें तभी दूध का दूध व पानी का पानी हो पाएगा ।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।