इंदौर। गुलाब बाग कॉलोनी (वार्ड 31, जोन 22), बॉम्बे हॉस्पिटल के समीप स्थित ग्रीनलैण्ड सहकारी गृह निर्माण संस्था द्वारा विकसित कॉलोनी में नगर नियोजन के नियमों की गंभीर अनदेखी उजागर हुई है। यहाँ वर्ष 1985 के टीएंडसीपी (T&CP) स्वीकृत नक्शे के अनुसार प्लॉट क्रमांक 451 से 455 के पीछे की भूमि उद्यान (पार्क) हेतु आरक्षित थी।
किन्तु वर्तमान में इस आरक्षित हरित क्षेत्र पर भू-माफियाओं द्वारा पाँच प्लॉट काटकर उन्हें बेच दिया गया है। वहां अब अवैध निर्माण भी खड़े हो चुके हैं।
यह खुलासा तब हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने इस अवैध कब्जे को लेकर 21 मई 2025 को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (शिकायत क्रमांक: #32439592) पर शिकायत दर्ज कराई। उनकी मांग थी कि उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए, निर्माण हटाया जाए, और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
परंतु क्या मिला जवाब?
सहकारिता विभाग द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया कि शिकायतकर्ता संस्था का सदस्य नहीं है, और जिस भूमि की बात की गई है, वह 1995 में रजिस्ट्री होकर डायवर्ट हो चुकी है। साथ ही यह भी कहा गया कि संस्था से संबंधित एक भ्रष्टाचार प्रकरण विशेष न्यायालय में लंबित है (प्रकरण क्रमांक 01/11), अतः कोई प्रशासनिक कार्यवाही संभव नहीं।
लेकिन सवाल बरकरार हैं:
– यदि वर्ष 1985 के मूल नक्शे में यह भूमि उद्यान हेतु आरक्षित थी, तो इसे किस प्रक्रिया से डायवर्ट किया गया?
– न्यायालय में भ्रष्टाचार प्रकरण लंबित है, तो क्या यह उस भूमि पर हो रहे नए अतिक्रमण की जांच से रोक है?
– क्या केवल “सदस्य नहीं हैं” कह देने से किसी नागरिक का जनहित में आवाज उठाना अमान्य हो जाता है?
राजेंद्र सिंह का कहना है कि “प्रशासनिक जवाब गोलमोल और भटकाने वाला है। यदि नियोजन नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर हरित क्षेत्र को मिटा दिया जाएगा, तो शहर में सांस लेने के लिए बचेगा ही क्या?”