इंदौर में 13.32 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी चोरी का खुलासा: रजिस्ट्री अधिकारियों और बिल्डरों की सांठगांठ से शासन को भारी नुकसान, EOW ने किया अपराध दर्ज

sadbhawnapaati
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शासन को 13 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि, रजिस्ट्री अधिकारियों पर भी गाज

इंदौर . मध्य प्रदेश के इंदौर में स्टाम्प ड्यूटी चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें आरोपियों ने शासन को 13 करोड़ 32 लाख 95 हजार रुपये की राजस्व हानि पहुंचाई। इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 और भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में इस घोटाले में रजिस्ट्री अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।

मामले का विवरण

शिकायत क्रमांक 78/2025 के आधार पर, यह आरोप लगाया गया कि विवेक चुघ (मेसर्स एक्सक्लूसिव रियल्टी), हितेन्द्र मेहता (मेसर्स सेवनहार्ट्स बिल्डकॉन एलएलपी), और अजय कुमार जैन ने पंजीयक कार्यालय के दो अधिकारियों, संजय सिंह (उप पंजीयक) और अमरेश नायडू (वरिष्ठ जिला पंजीयक) के साथ मिलकर डीएलएफ गार्डन सिटी, मांगलिया सड़क की संपत्ति की रजिस्ट्री में हेराफेरी की।

आरोप है कि डीएलएफ गार्डन सिटी की गाइडलाइन दर 50,800 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, लेकिन आरोपियों ने स्वीकृत संशोधित नक्शे में काट-छांट कर केवल अंश भाग अपलोड किया और प्रोजेक्ट का नाम हटाकर मांगलिया सड़क गांव की गाइडलाइन दर 14,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से रजिस्ट्री कराई। इस हेराफेरी से शासन को 13,32,95,106 रुपये की राजस्व हानि हुई, जबकि आरोपियों ने इतनी ही राशि का अवैध लाभ कमाया।

जांच और कार्रवाई

मामले की जांच उप पुलिस अधीक्षक पवन सिंघल ने की, जिन्होंने प्रथम दृष्ट्या इस घोटाले को प्रमाणित पाया। इसके बाद 05 जुलाई 2025 को आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4), 61(2), 338, 336(3), और 340 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7(सी) के तहत FIR दर्ज की गई। प्रकरण को विवेचना में लिया गया है, और पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

आरोपियों की सूची

  1. विवेक चुघ, पिता मोहललाल चुघ, मेसर्स एक्सक्लूसिव रियल्टी
  2. हितेन्द्र मेहता, मेसर्स सेवनहार्ट्स बिल्डकॉन एलएलपी
  3. अजय कुमार जैन, पिता महेन्द्र कुमार जैन
  4. संजय सिंह, उप पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर
  5. अमरेश नायडू, वरिष्ठ जिला पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर

जनता में आक्रोश, प्रशासन सतर्क

यह मामला सामने आने के बाद इंदौर में जनता के बीच आक्रोश देखा जा रहा है। शासन को इतनी बड़ी राशि की हानि और सरकारी अधिकारियों की कथित संलिप्तता ने प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के घोटाले रियल एस्टेट सेक्टर में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को दर्शाते हैं।

इस मामले में जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह घोटाला इंदौर के रियल एस्टेट और प्रशासनिक तंत्र में गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, और यह देखना बाकी है कि क्या इस मामले में शामिल सभी दोषियों को सजा मिल पाएगी।

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