नई दिल्ली. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गैर मुस्लिम बच्चों को दाखिला देने वाले मदरसों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। आयोग ने अपने पत्र में सभी सरकारी वित्त पोषित/मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच 30 दिन के भीतर पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग ने सभी मदरसों की मैपिंग की भी सिफारिश की है।
वजीफा भी दिया जा रहा
आयोग को शिकायत मिली कि कुछ मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को बिना उनके परिजनों की इजाजत के धार्मिक शिक्षा दी जा रही है और वजीफा भी दिया जा रहा है। आयोग ने पत्र में इसे स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन बताया है। यह अनुच्छेद किसी भी शिक्षण संस्थान को बिना माता पिता की सहमति के बच्चों को धार्मिक उपदेश प्राप्त करने के लिए बाध्य करने से रोकता है।
आयोग को शिकायत मिली कि कुछ मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को बिना उनके परिजनों की इजाजत के धार्मिक शिक्षा दी जा रही है और वजीफा भी दिया जा रहा है। आयोग ने पत्र में इसे स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन बताया है। यह अनुच्छेद किसी भी शिक्षण संस्थान को बिना माता पिता की सहमति के बच्चों को धार्मिक उपदेश प्राप्त करने के लिए बाध्य करने से रोकता है।