Press "Enter" to skip to content

Apple Hospital Indore की जांच, इलाज के नाम पर लाखों का बिल थमा रहे, अनेको अनियमितता मिली।

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का दल मंगलवार को अस्पताल में जांच के लिए पहुंचा तो मरीजों से लूट की हकीकत सामने आई। शहर के एपल अस्पताल में कोरोना के इलाज के नाम पर हर मरीज से पीपीई किट के लिए प्रतिदिन 3-3 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। यही नहीं, एक बार पॉजिटिव आए मरीज के उपचार के दौरान पांच दिन में ही उसका दोबारा कोविड टेस्ट कराया जा रहा है, जबकि आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार दोबारा कोविड टेस्ट 10 दिन बाद कराना है। हर टेस्ट के लिए मरीज से 4500 रुपये वसूले जा रहे हैं। इस तरह मरीजों पर बेवजह हजारों-लाखों रुपये का बिल थोपा जा रहा है।

कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि एपल अस्पताल की पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं। अस्पताल प्रबंधन को पहले भी समझाया था, फिर भी मनमानी जारी रही। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जो निजी अस्पताल कोरोना के इलाज के नाम पर लूट मचा रहे हैं, उन पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। शिकायतें मिलने पर मंगलवार को जांच दल एपल अस्पताल पहुंचा। इसमें शामिल एसडीएम एनएन पांडे, तहसीलदार सुदीप मीणा, डॉ. अमित मालाकार आदि शामिल थे। जांच अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती कोविड के 37 मरीजों के बिल की कॉपी को जांच में लिया है। इस दौरान अस्पताल के डायरेक्टर एमके शर्मा और अधीक्षक कर्नल डॉ. अनुपम ने सफाई दी कि हर दिन 100 पीपीई किट लगती है। कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया जा रहा है। अस्पताल अपनी गलती स्वीकार कर मरीजों से ली गई अतिरिक्त राशि वापस नहीं करेगा तो अस्पताल बंद करा दिया जाएगा और पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। 21 दिन में पीपीई किट का बिल 63 हजार :- जांच के दौरान पता चला कि कोरोना का एक मरीज 21 दिन से भर्ती है। इतने दिन में उससे पीपीई किट के 63 हजार रुपये का बिल बना दिया। जांच अधिकारियों ने अस्पताल के डॉक्टरों से कहा कि अच्छी से अच्छी पीपीई किट 250 से लेकर 400 रुपये में मिलती है। यदि एक दिन में 100 किट लग रही है तो उसका पैसा सभी मरीजों में बांट दिया जाए, पर आप तो एक ही मरीज से तीन-तीन हजार रुपये वसूल रहे हो। अस्पताल प्रबंधन के पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। कोविड के दौरान हमें डॉक्टरों सहित स्टाफ को अधिक वेतन देना पड़ रहा है। मरीजों को ऑक्सीजन भी ज्यादा देनी पड़ती है, क्योंकि कोविड मरीज बिना ऑक्सीजन के दिक्कत में आ सकते हैं। इसलिए प्रति मरीज ऑक्सीजन की खपत भी 10 गुना तक बढ़ जाती है। कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान सफाईकर्मी से लेकर खाना देने वाले तक को पीपीई किट पहनना जरूरी है। यहां तक कि जो ऑक्सीजन का गैस सिलेंडर लेकर आते हैं, उन्हें भी सुरक्षा देना जरूरी है। हमें अनुमति तो मिली है, लेकिन अन्य अस्पतालों की तरह शासन से सुविधा नहीं है। -डॉ. एमके शर्मा, डायरेक्टर

Spread the love
More from Indore NewsMore posts in Indore News »

6 Comments

  1. hihuay June 23, 2024

    … [Trackback]

    […] Info to that Topic: sadbhawnapaati.com/apple-hospital-indore-kee-jaanch-ilaaj-ke-naam-par/ […]

  2. Elizabetht June 29, 2024

    Insightful read! Your analysis is spot-on. For more detailed information, visit: READ MORE. Eager to see what others have to say!

  3. escape room July 6, 2024

    Great post and straight to the point. I am not sure if this
    is really the best place to ask but do you guys have any thoughts on where to employ
    some professional writers? Thanks in advance 🙂 Lista escape room

  4. HallieH July 7, 2024

    Very interesting information!Perfect just what I was searching for!?

  5. Diyala Bauc14 July 15, 2024

    … [Trackback]

    […] Find More on that Topic: sadbhawnapaati.com/apple-hospital-indore-kee-jaanch-ilaaj-ke-naam-par/ […]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *