Home Remedies For Burping: डकार आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह सभी को आती है, लेकिन सामान्य अवस्था में। बार-बार डकार आना, जोर-जोर से डकार आना सही नहीं है। हमारा पाचनतंत्र रात-दिन कार्यरत रहता है।
सांस लेने, खाना खाने, भागने, दौड़ने, बात करने आदि क्रियाओं के दौरान सांस के साथ अनावश्यक हवा हमारे पेट में पहुंच जाती है। पेट में जगह की कमी के कारण वही हवा आवाज के साथ डकार के रूप में बाहर आती है। लेकिन डकार के साथ कड़वा या गले में जलन करने वाला पानी मुंह में भर आए तो यह स्थिति सही नहीं है।
डकार भूखे पेट भी आ सकती है। यदि ऐसा हो तो तुरंत कुछ हल्का खाना खा लें। अधिक डकार उनको ज्यादा आती हैं, जो खान-पान में लापरवाही करते हैं।
बचाव के उपाय: अगर आपको जोर की भूख लगी है, खाना खाने में काफी समय है तो ज्यादा पानी पीने से बचें। तेज भूख में जब कुछ खाते हैं तो खाते-खाते ही डकार आ जाती है।
यहां सावधानी यह बरतें कि भोजन हमेशा ताजा और स्वच्छ ही लें। भोजन चबा-चबा कर खाएं, खाते समय बीच में पानी न पिएं। तेज मसाले, तले पदार्थ और खट्टे पदार्थ पेट के लिए नुकसानदायक हैं, इनके सेवन से बचें। धूम्रपान से परहेज करें।
शराब का सेवन हानिकारक है। संभव हो तो कुर्सी या सोफे पर खाना खाने की जगह जमीन पर पालथी मारकर धीरे-धीरे चबा-चबा कर खाना खाएं। भोजन के समय ना बोलें या बहुत कम बोलें। खाना खाते समय ज्यादा बोलने से भी पेट में फालतू हवा जाती है, जो डकार की परेशानी बढ़ाती है।
ये उपाय आजमाएं: डकार आने पर गले में जलन होने लगे तो अंगुली के एक पोर के बराबर अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसें। इसी टुकड़े को हल्का-हल्का दबाकर रस चूसते रहें, फिर इस टुकड़े को जरा से पानी के साथ निगल जाएं।
- एक-दो चम्मच शहद पानी में मिलाकर पीना हितकर है।
- पानी से गरारे करना भी लाभकारी है।
- हल्दी को दही में मिलाकर लेने से भी राहत मिलती है।
- नारियल का पानी पीने से सीने और गले की जलन कम होती है।
- एक चम्मच भुना जीरा एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से डकार से तुरंत राहत मिलती है।
- इससे पहले कि यह समस्या बढ़े, तुरंत किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। यह लापरवाही आंतों में घाव का कारण भी बन सकती है।
(यहां बताए गए किसी उपाय को आजमाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य कर लें।)