आडवाणी सहित 32 आरोपियों को बड़ी राहत, याचिका गौर करने योग्य नहीं

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sadbhawnapaati
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लखनऊ। अयोध्या स्थित विवादित ढांचा बाबरी मजिस्द विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित 32 आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सभी को बरी करने के सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि यह याचिका गौर करने लायक नहीं है।
गौरतलब है कि आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित 32 आरोपियों को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बरी करने का फैसला दिया था। सीबीआई स्पेशल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में अयोध्या के हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद ने चुनौती दी थी।
दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि दोनों इस मामले में न सिर्फ गवाह थे, बल्कि घटना के पीड़ित भी थे। उन्होंने विशेष अदालत के समक्ष खुद को सुने जाने के लिए अर्जी भी दी थी, लेकिन कोर्ट ने उनके प्रार्थनापत्र के ख़ारिज कर दिया था।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।