इसके बाद दोनों परिवारों ने आपस में बात की और सही जोड़ों के सही फेरे कराए गए. जिसका जिसके साथ रिश्ता तय हुआ था उसकी उसीसे शादी हुई. इस मामले के बाद शादी करा रहे परिवारों ने आरोप लगाया कि रोज शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक बिजली कटौती होती है. शादी वाले दिन भी बिजली कटौती के कारण दुल्हनें बदल गईं. इसके बाद दोनों के फेरे सुबह 5 बजे करवाए गए. दोनों परिवार किसी भी प्रकार से दूसरी बार फेरे की बात से साफ इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि फेरे तो जिससे शादी तय हुई उसी के साथ लिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, ये अनोखी घटना उज्जैन जिले के बड़नगर रोड पर ग्राम असलाना में रहने वाले रमेशलाल रेलोत के घर घटी. उनकी तीन बेटियों और एक बेटे की शादी 5 मई को थी. इसमें कोमल का राहुल से, निकिता का भोला, करिश्मा का गणेश से विवाह तय हुआ था. निकिता और करिश्मा की बारात बड़नगर के ग्राम दंगवाड़ा से आई थी. बड़ी बेटी कोमल की बारात दोपहर में आ गई थी और उसके फेरे भी हो चुके थे. भोला और गणेश की बारात रात 11 बजे के लगभग पहुंची. इस दौरान बिजली नहीं थी और घुप्प अंधेरा था.
अचानक मचा हड़कंप
बारात के स्वागत के बाद दोनों दूल्हों को मायमाता पूजने के लिए कमरे में ले जाया गया. चूंकि बिजली नहीं थी तो गड़बड़ हो गई. निकिता गणेश के साथ और करिश्मा भोला के साथ बैठकर शादी की रस्मों को निभाने लगीं. पूरा कार्यक्रम होने के बाद जब दोनों जोड़ों को फेरे के लिए लाया तो अचानक हड़कंप मच गया. दोनों दुल्हनें अलग-अलग दूल्हों के साथ थीं. इस पर परिवार में विवाद की स्थिति बन गई. आनन-फानन में दोनों की अदला-बदली की गई और फिर शादी की रस्म अदा की गई. इसके बाद दोनों दुल्हनें अपने-अपने पतियों के साथ ससुराल के लिए रवाना हो गईं.