-शुरू किया जा सकता है सुप्रीम कोर्ट का अपना चैनल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में 27 सितंबर से सभी सुनवाइयों का सीधा प्रसारण किया जाएगा। यह फैसला मंगलवार को लिया गया और अगले सप्ताह से सभी संवैधानिक बेंच की सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग यानी सीधा प्रसारण किया जाएगा। ज्ञात हो कि मंगलवार को शीर्ष कोर्ट के सभी जजों ने बैठकर इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इसके बाद ही सभी मामलों की सुनवाइयों के लाइव स्ट्रीमिंग का फैसला लिया गया।
हाल में ही सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने इस बारे में चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को लिखकर सूचित किया था। उन्होंने जनहित व संवैधानिक महत्व वाले मामलों की सुनवाई के सीधा प्रसारण की बात तो कही थी साथ ही इस दौरान वकीलों के बहस भी रिकार्ड रखने पर जोर दिया था।
सीनियर एडवोकेट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस, हिजाब मामला, नागरिकता संशोधन विधेयक जैसे देश हित के मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है जिसका सीधा प्रसारण होना चाहिए। उन्होंने इसके लिए 2018 के फैसले का हवाला दिया जिसके अनुसार हर नागरिक का मूल अधिकार है कि उसे सूचना या जानकारी पाने की आजादी मिले। साथ ही सभी को न्याय पाने का भी अधिकार है।
सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का एक अपना चैनल होने की भी सलाह दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि तब तक शीर्ष कोर्ट अपनी वेबसाइट के साथ-साथ यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत कर सकता है। कई मौकों पर सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग किया भी है। इसका जिक्र करते हुए सीनियर एडवोकेट ने कहा कि कोर्ट के पास इसके लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है।
इस क्रम में उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमना की रिटायरमेंट की तारीख पर लाइव स्ट्रीमिंग का भी जिक्र किया। उन्होंने गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट में यूट्यूब के जरिए होने वाले लाइव स्ट्रीमिंग की भी चर्चा की।