स्कूल पाठ्यक्रम के एक भाग में हॉकी खेल को अनिवार्य रूप से जोड़ा जायेगा। इससे हमें ना सिर्फ हॉकी को बढ़ावा देंगे बल्कि प्रदेश के कई स्कूल-कॉलेजों के बेकार पड़े परिसरों का अधोसंरचना विकास कर ‘खेलो इंडिया’ के तहत इसका बेहतरीन उपयोग कर सकते हैं। यह बात खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने सोमवार को टी.टी. नगर स्टेडियम में मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कही। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि खेलो इंडिया के तहत भारत सरकार बजट उपलब्ध कराती है और राज्य सरकार को भूमि देनी होती है। प्रदेश के विभिन्न स्कूल परिसरों का इसमें उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर छिपी खेल प्रतिभाओं का चयन कर उनके खेल-कौशल को निखारने और उन्हें खेलों के पर्याप्त अवसर दिलाने के लिए स्कूल शिक्षा और खेल विभाग समन्वित सहयोग से आगे की कार्य योजना बनाएं। पैरा स्पोटर्स को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए श्रीमती सिंधिया ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा पैरा खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर टेलेन्ट सर्च करें। प्रमुख सचिव, खेल एवं युवा कल्याण श्री पंकज राग ने बताया कि जल्द ही भारत सरकार को एथलेटिक्स, शूटिंग, फुटबाल और हॉकी के रिफ्रेशर कोर्स के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा। साथ ही ब्लॉक स्मन्वयकों के लिए आनलाइन/आफलाइन एथलेटिक्स रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किये जाएंगे । उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रदेश में राज्य स्तरीय खेलो इंडिया सेन्टर फॉर शूटिंग का स्थारपित किया जायेगा। मध्यम (मीडियम) सेन्टर के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें उपलब्ध खेल अधोसंरचनाओं के बेहतर उपयोग की बात कही गई है। खेलो इंडिया स्मॉल (छोटे) सेन्टर के लिए 25 जिलों से 14 खेलों के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। पहले चरण में 5 जिले, मुरैना में बैडमिंटन और एथलेटिक्स, सतना में बैडमिंटन और वेटलिफ्टिंग, सीहोर में फुटबाल और वेटलिफ्टिंग, इंदौर में वेटलिफ्टिंग और कुश्ती तथा उज्जैन में शूटिंग और कुश्ती के छोटे सेन्टर शुरू किए जायेंगे।
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