अगर आपको बहुत गुस्सा आता है तो रोजाना 2 मिनट योगासन से मिलेंगे चमत्कारिक लाभ

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आज के समय में गुस्सा काफी बड़ी समस्या बन गया है. लोग छोटी-छोटी बातों पर अपना आपा खो देते हैं और खुद को या फिर सामने वाले को नुकसान पहुंचा बैठते हैं. जिसका बाद में उन्हें पछतावा भी होता है. इसलिए हम ऐसे योगासनों के बारे में जानेंगे, जो गुस्सा कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि गुस्सा कंट्रोल करने में योगा कैसे मदद कर सकता है और इसके लिए कौन-से योगासन करने चाहिए.

गुस्सा कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये योगासन
अत्यधिक गुस्सा आने के पीछे तनाव एक बहुत बड़ा कारण होता है और स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए योगा काफी महत्वपूर्ण होता है. अगर आपको भी बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और आप इसे कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना 2 मिनट इन योगासनों को कर सकते हैं.

1. सुखासन के फायदे
सुखासन सबसे आसान योगासनों में से एक है. इसे करने के लिए आप आरामदायक और शांत जगह पर योगा मैट बिछाकर बैठ जाएं. अब घुटनों को मोड़कर क्रॉस करके बैठ जाएं और हाथों को प्रणाम की मुद्रा में छाती के पास रखें. अपनी कमर सीधी रखते हुए आंखों को बंद करें और ध्यान लगाने की कोशिश करें. अपनी सांसों को गहरा और धीमा रखें. इस योगासन को 2 मिनट तक करें.

2. बालासन के फायदे
बालासन आपके दिमाग को शांत करने और गुस्सा कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके साथ ही आपका शरीर लचीला बनता है. बालासन करने के लिए आप योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर सीधा उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर को जमीन की तरफ लाएं. ध्यान रखें कि इस दौरान आपकी कमर सीधी रहे और हाथ सामने की तरफ जमीन पर फैले रहें. थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने की कोशिश करें.

इन बीमारियों को दावत देता है गुस्सा
अगर आप गुस्सा कंट्रोल नहीं करते हैं, तो आपको इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जैसे-

हाई ब्लड प्रेशर
क्रॉनिक स्ट्रेस
ब्रेन स्ट्रोक
ब्रेन हेमरेज
हृदय रोग, आदि

(डिस्क्लेमर : इस जानकारी की सटिकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी सद्भावना पाती की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.)

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।