Indore Crime: नशे में हुई गलती और पकडे गए डकैत |

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नशा करना सभी के लिए नुकशानदायक है पर इंदौर में सीए के घर में हुई डकेती के मामले में अपराधियों का नशा करना सीए के लिए फायदेमंद साबित हुआ | अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो, कुछ न कुछ सुराग छोड़ ही देता है। हाईलिंक सिटी निवासी सीए निखिल चोपड़ा के घर डाका डालने वाले बदमाशों ने भी एक गलती कर दी और पुलिस उन तक पहुंच गई। बदमाशों ने ज्यादा शराब पी ली और नशे में सीए का घर भूल गए। पता पूछने के लिए सीए के ममेरे भाई पिंटू को कई बार काल किए। क्राइम ब्रांच ने पब्लिक स्विच टेलीफोन नेटवर्क (पीएसटीएन) डाटा की जांच की और दूसरे ही दिन डकैतों तक पहुंच गई। एसपी (पश्चिम) महेशचंद जैन के मुताबिक, आरोपित पिंटू उर्फ अभिषेक जैन पूर्व में भी राजेंद्र नगर थाने में वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। फूफा अजीत चोपड़ा और निखिल से अनबन के कारण घर आना-जाना बंद था। लेकिन पिंटू को जेवर और रुपये के बारे में पता था।

[expander_maker id=”1″ more=”Read more” less=”Read less”]टाउनशिप में रहने वाले मौसा अनिल जौहरी से मिलने के बहाने उसने रेकी की और रुकने व भागने के सारे रास्ते देख लिए। 30 जनवरी को डाका डालने की तैयारी कर ली लेकिन गैंग के अन्य सदस्यों को आने में देरी हो गई। दूसरे दिन वह खुद मंगू, पिंटू, रवि और रमेश के साथ आया, जबकि 10 डकैत जीप लेकर पहुंच गए। सभी ने शराब पार्टी की और रात 10 बजे पिंटू कार से सीए का घर बताकर लौट गया। नशे में होने के कारण बदमाश यह भूल गए कि डाका किस घर में डालना है। वे गलती से बैंककर्मी संजय पवैया के घर में घुस गए। वहां कैमरा देख चौंके और उसे ढंककर लौट गए। पता और लोकेशन पूछने के लिए बदमाशों ने पिंटू को कई बार कॉल लगाए।

देर रात सक्रिय मोबाइलों की जांच की : वारदात के बाद क्राइम ब्रांच ने पीएसटीएन डाटा की जांच कर उन नंबरों को चिन्हित कर लिया जो देर रात तीन से चार बजे के बीच सक्रिय थे। तकनीकी जांच के आधार पर पिंटू को पकड़ लिया और पूरी वारदात खुल गई। एएसपी (पश्चिम-2) डा. प्रशांत चौबे के मुताबिक, पिंटू ने पूछताछ में बताया कि उस पर 10 लाख रुपये का कर्ज है।

सोना लूटकर एक-दूसरे को ही चकमा दे गए : वारदात के बाद बदमाश दोबारा एक ढाबे पर जेवर और रुपये बांटने के लिए इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने पिंटू से कहा कि चोपड़ा के घर से ज्यादा जेवर नहीं मिले हैं। सिर्फ चूड़ियां और चेन ही है। बदमाशों ने यह नहीं बताया कि उन्होंने दवा कारोबारी राकेश जैन के घर से भी लाखों के जेवर चुराए हैं। दूसरे दिन अखबारों में खबर पढ़ने पर पता चला जिन बदमाशों को चोपड़ा का घर बताया था उन्होंने जैन के घर भी वारदात की है। बदमाशों ने सोना मिलने से इन्कार किया और एक-दूसरे से मिलना बंद कर दिया।[/expander_maker]

 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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