नशा करना सभी के लिए नुकशानदायक है पर इंदौर में सीए के घर में हुई डकेती के मामले में अपराधियों का नशा करना सीए के लिए फायदेमंद साबित हुआ | अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो, कुछ न कुछ सुराग छोड़ ही देता है। हाईलिंक सिटी निवासी सीए निखिल चोपड़ा के घर डाका डालने वाले बदमाशों ने भी एक गलती कर दी और पुलिस उन तक पहुंच गई। बदमाशों ने ज्यादा शराब पी ली और नशे में सीए का घर भूल गए। पता पूछने के लिए सीए के ममेरे भाई पिंटू को कई बार काल किए। क्राइम ब्रांच ने पब्लिक स्विच टेलीफोन नेटवर्क (पीएसटीएन) डाटा की जांच की और दूसरे ही दिन डकैतों तक पहुंच गई। एसपी (पश्चिम) महेशचंद जैन के मुताबिक, आरोपित पिंटू उर्फ अभिषेक जैन पूर्व में भी राजेंद्र नगर थाने में वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। फूफा अजीत चोपड़ा और निखिल से अनबन के कारण घर आना-जाना बंद था। लेकिन पिंटू को जेवर और रुपये के बारे में पता था।
देर रात सक्रिय मोबाइलों की जांच की : वारदात के बाद क्राइम ब्रांच ने पीएसटीएन डाटा की जांच कर उन नंबरों को चिन्हित कर लिया जो देर रात तीन से चार बजे के बीच सक्रिय थे। तकनीकी जांच के आधार पर पिंटू को पकड़ लिया और पूरी वारदात खुल गई। एएसपी (पश्चिम-2) डा. प्रशांत चौबे के मुताबिक, पिंटू ने पूछताछ में बताया कि उस पर 10 लाख रुपये का कर्ज है।
सोना लूटकर एक-दूसरे को ही चकमा दे गए : वारदात के बाद बदमाश दोबारा एक ढाबे पर जेवर और रुपये बांटने के लिए इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने पिंटू से कहा कि चोपड़ा के घर से ज्यादा जेवर नहीं मिले हैं। सिर्फ चूड़ियां और चेन ही है। बदमाशों ने यह नहीं बताया कि उन्होंने दवा कारोबारी राकेश जैन के घर से भी लाखों के जेवर चुराए हैं। दूसरे दिन अखबारों में खबर पढ़ने पर पता चला जिन बदमाशों को चोपड़ा का घर बताया था उन्होंने जैन के घर भी वारदात की है। बदमाशों ने सोना मिलने से इन्कार किया और एक-दूसरे से मिलना बंद कर दिया।
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