टनल के अंदर से कीचड और पानी तेजी से आ रहा है बाहर, बचाव कार्य में दिक्कत
बचाव अभियान की अगुवाई कर रहे एसडीआरएफ कमाडेंट नवनीत भुल्लर ने मीडिया को बताया की जितनी सफाई हो रही है उतनी ही तेजी से मलबा पीछे से आ रहा है। यही कारण है कि घटना के पहले ही दिन टनल 70 मीटर तक खोल दी गई थी, जबकि इसके शेष दो दिन में कुल और 80 मीटर ही सफाई हो पाई है। जवान लकड़ी के फट्टे बिछाकर रास्ता बना रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने आज सुबह तपोवन सुरंग में प्रवेश किया। सुरंग अभी भी लगभग 120 मीटर तक साफ की जानी बाकी है, लेकिन सुरंग के अंदर से मिट्टी का मलबा और पानी अधिक तेजी से बाहर आ रहा हे, जिससे आगे का रास्ता बचाव दल के लिए मुश्किल हो रहा है। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार एल ने कहा कि बचाव अभियान में ज्यादा प्रगति नहीं है। हमने 32 शव बरामद किए हैं, 8 की पहचान की है और 24 अज्ञात हैं। बचाव दल ने 2 उत्तराखंड पुलिस कर्मियों के शव भी बरामद किए। लापता और मृत लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह 192 और 204 के बीच है।
ITBP देहरादून, सेक्टर हेडक्वार्टर की डीआईजी अपर्णा कुमार ने कहा, ”जो मलबा अंदर फंसा हुआ था, अब वो ज़्यादा बाहर निकलकर आ रहा है। NTPC के टेक्निकल एक्सपर्ट का कहना है कि अब किसी का भी अंदर जाना रिस्की है, क्योंकि अंदर से पानी का तेज़ बहाव हो सकता है। अब मशीनों द्वारा ही मलबा निकाला जाएगा।”
जोशीमठ और विष्णुप्रयाग को जोड़ने वाला पुल बहा
ग्लेशियर टूटने के बाद हुए नुकसान से चमोली ज़िले में जोशीमठ और विष्णुप्रयाग को जोड़ने वाला पैदल झूला पुल बहा। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “पूरा पुल टूट गया है, यहां काफी नुकसान हुआ है। यहां अभी सिर्फ नगरपालिका के लोग आए हैं और कोई नहीं आया।”
यूपी की निघासन तहसील के 34 लोग के लापता
उत्तर प्रदेश की निघासन के तहसीलदार धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”उत्तराखंड त्रासदी में निघासन तहसील के कुल 34 लोगों के लापता होने की सूचना है, इनमें से कल एक व्यक्ति का शव यहां भेजा गया है। हम लोग लगातार पीड़ित परिवारों के संपर्क में हैं।’

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