Indore News. शहर में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के बाद ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कुछ बड़ी है, लेकिन इनमें उन मरीजों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें दोबारा कुछ तकलीफ हुई है और भर्ती करना पड़ा। दूसरा कारण है, प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा होने से अब मरीज एमवाय अस्पताल में ही भर्ती हो रहे हैं।
पिछले दो दिनों में इंदौर के एमवाय अस्पताल में 14 मरीज भर्ती हुए। रविवार को भी 9 मरीज भर्ती हुए। इस तरह तीन दिन में 23 मरीज भर्ती किए गए।
इनके सहित वर्तमान में 123 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 118 की कोविड पॉजिटिव हिस्ट्री रही है, जबकि 5 की नॉन कोविड हिस्ट्री है। रविवार को तीन सर्जरी की गई।
इनके सहित अब तक 816 सर्जरी हो चुकी है। कुल 543 को डिस्चार्ज किया जा चुका है। खास बात यह काफी समय से मौतों पर नियंत्रण है। वैसे, अब तक कुल 53 मौतें हो चुकी हैं।
डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि ब्लैक फंगस की दवाइयों व इंजेक्शन की पर्याप्त मात्रा है। अस्पताल में अभी 1807 एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन उपलब्ध हैं।
विभागाध्यक्ष डॉ. वीपी पाण्डे ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज अब कम हो गए हैं। जो मरीज अब भर्ती हो रहे हैं, वे पुराने ही हैं। दरअसल, इलाज लंबा चलने से कई मरीज ज्यादा समय तक अस्पताल में रहना नहीं चाहते। स्थिति कुछ ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हो जाते हैं।
फिर फॉलोअप में रेगुलर दिखाने आते हैं। इनमें कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं, जिनकी तकलीफ फिर बड़ी तो दोबारा भर्ती करना पड़ता है।
दूसरा कारण यह कि प्राइवेट अस्पताल में महंगा इलाज होने के कारण मरीज एमवायएच में ही भर्ती हो रहे हैं, क्योंकि यहां पूरा इलाज, दवाइयां व इंजेक्शन फ्री हैं।
