JEE NEET 2020: 150 से अधिक शिक्षाविदों ने लिखा PM को खत, JEE NEET Exam कराने को कहा |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा – जेईई-मेन्स और एनईईटी में देरी करने का मतलब छात्रों के भविष्य से समझौता करना होगा। सितंबर में बढ़ते COVID-19 मामलों के मद्देनजर इन परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ बढ़ती आवाज का उल्लेख करते हुए शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा, “कुछ अपने स्वयं के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्हों”ने कहा, “युवा और छात्र देश का भविष्य हैं, लेकिन

COVID-19 महामारी के मद्देनजर अनिश्चितता के बादल उनके करियर पर छा गए हैं। प्रवेश और कक्षाओं के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं, जिन्हें जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है।” दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सहित कई शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये दोनों परीक्षाएं आयोजित करने के लिए लिखा है, ताकि छात्रों को अपना एक साल न गंवाना पड़े। इस पहल का समन्वय इस मामले को लेकर चिंतित शिक्षाविदों के समूह द्वारा किया गया है। उन्होंने लिखा है, “हम अकादमिक बिरादरी के सदस्य जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित करने के सरकार के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “हम आशा करते हैं और दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि आपके सक्षम नेतृत्व के तहत केंद्र सरकार दोनों परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन करेगी और यह छात्रों का भविष्य सुरक्षित करेगी। साथ ही 2020-21 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर को भी तैयार किया जाना चाहिए।” उनका कहना है कि वे सरकार के इस कदम का तहे दिल से स्वागत करते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर चुका है कि परीक्षाओं के आयोजन में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती साल बर्बाद होगा। कुछ लोग बस अपने राजनीतिक एजेंडे को चलाने और सरकार का विरोध करने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। जिन शिक्षाविदों ने मोदी को पत्र लिखा है, उनमें इग्नू के प्रो. सी.बी. शर्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रकाश सिंह, बिहार के मोतिहारी में एमजीसीयूबी के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रो.जयप्रसाद, जेएनयू के प्रो.एनुल हसन शामिल हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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