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नीट पीजी परीक्षा टालने की मांग को लेकर मेडिकल छात्रों ने किया प्रदर्शन, 21 मई को प्रस्तावित है परीक्षा  

Education News. देश भर में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पीजी यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट को स्थगित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

इसी क्रम में रविवार आठ मई को आईएनआई- सीईटी की परीक्षा खत्म होते ही मेडिकल छात्र राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पहुंचे और नीट पीजी परीक्षा टालने की मांग को लेकर विरोध- प्रदर्शन किया। नीट पीजी प्रवेश परीक्षा 21 मई, 2022 को प्रस्तावित है।

जंतर मंतर के पास एकत्र हुए नीट पीजी उम्मीदवारों ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी से स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली नीट पीजी परीक्षा को स्थगित करने का आग्रह किया।
नीट पीजी उम्मीदवारों ने इसके लिए नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग अभी तक जारी रहने और तिथियों में टकराव होने का हवाला भी दिया।
कई छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें काउंसलिंग राउंड के लिए उपस्थित होने और नीट पीजी 2022 की परीक्षा में उपस्थित होने के बीच में से एक का चयन करना पड़ रहा है, जोकि नाइंसाफी है।

पीएमओ से मांग समय

डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि 15,000 से अधिक छात्रों ने हाथ मिलाया और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए समय मांगा है।
वहीं, 20 से अधिक सांसदों और कई चिकित्सा संघों ने हमारे पक्ष में सरकार को लिखा है। वे हमारी दलील को समझते हैं, लेकिन अभी तक सरकार या एनबीई की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

गौरतलब है कि अखिल भारतीय मेडिकल छात्र संघ द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने के लिए बुधवार, चार मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
इससे पहले नीट पीजी परीक्षा टालने की मांग को लेकर को मेडिकल छात्रों के दो अन्य संगठन FAIMA और UDFA भी लगातार आवाज उठा रहे हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर राहत देने की मांग कर चुके हैं।
सोशल मीडिया से लेकर मंत्रालय तक गुजारिश
सोशल मीडिया पर भी नीट पीजी 2022 को टालने की मांग को लेकर मामला ट्रेंडिंग में है। उम्मीदवारों और डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से नीट पीजी प्रवेश परीक्षा को टालने की मांग को लेकर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, प्रधानमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया जा रहा है।
FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन और UDFA यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखे गए हैं।
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