इंदौर 29 अप्रैल। शहर में इन दिनों महामारी से इतनी मौत हो रही है कि निगम के मेन व स्वास्थ्य कंट्रोल रूम के साथ-साथ अधिकारियों के पास सीधे तौर से शव वाहन के लिए रोजाना डेढ़ सौ से 200 फोन पहुंच रहे हैं।
निगम के पास अभी लगभग 12 शव वाहन है और 3 वाहन और वर्कशॉप में तैयार हो रहे हैं। अलग-अलग अस्पतालों के साथ ही घर पर मौत होने वाले शव को भी दाह संस्कार के लिए मुक्तिधाम में ले जाने के लिए निगम स्वास्थ्य कंट्रोल रूम पर शव वाहन के लिए फोन लगाए जा रहे हैं। निगम के शव वाहन 24 घंटे के लिए व्यस्त हैं और यहां पर अलग-अलग तीन शिफ्ट पर ड्राइवर काम कर रहे हैं। कई मामलों में तो यह भी स्थिति होती है कि शव को अकेले ड्राइवर ही हेल्पर की मदद से वाहन में लेकर मुक्तिधाम तक ले जाते हैं तो कुछ जगह ऐसे भी है जहां पर परिजन तो कोरोना से मौत के बाद शव को हाथ ही नहीं लगाते हैं। निगम शव वाहन के ड्राइवर के साथ साथ कभी हेल्पर भी रहता है जो शव को मुक्तिधाम तक ले जाता है तो दाह संस्कार भी कई बार कर्मचारी ही करते हैं। इस तरह की स्थिति शहर में निर्मित इन दिनों हो रही है जहां निगम में रोजाना डेढ़ सौ से 200 फोन शव वाहन के लिए आ रहे हैं
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]
अपर आयुक्त रजनीश कसेरा ने बताया कि इस तरह की स्थिति तो है और स्वास्थ्य कंट्रोल रूम के साथ ही नोडल अधिकारी अजीत कल्याणे के पास भी रोजाना शव वाहन के लिए बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं।
नोडल अधिकारी अजीत कल्याणे ने बताया कि शव वाहन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं। कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद कई बार परिजन तो हाथ ही नहीं लगाते हैं। शव वाहन के ड्राइवर ही मदद कर मुक्तिधाम तक पहुंचा रहे हैं।
[/expander_maker]