MP News in Hindi – मध्यप्रदेश की हिंदी ख़बरें

sadbhawnapaati
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MP News in Hindi -1

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की सहस्त्र शिवलिंग महादेव मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा

देश के सबसे बड़े 37 टन पीतल धातु से निर्मित महाघंटे का किया लोकार्पण
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में सहस्त्र शिवलिंग महादेव की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा पूजा-अर्चना के साथ की। इसका निर्माण लगभग 4 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से किया गया है। इसी दौरान मंदिर में स्थापित देश के सबसे बड़े 37 टन पीतल धातु से निर्मित महाघंटे का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री लगातार 3 दिन से मंदिर परिसर में चल रहे यज्ञ की पूर्णाहुति में भी शामिल हुए।
इस दौरान भानपुरा पीठ के महाराज शंकराचार्य ज्ञानानंद जी तीर्थ, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता सहित विधायक जन-प्रतिनिधि बड़ी संख्या में नागरिक और धार्मिक श्रद्धालु, मौजूद थे।

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जल जीवन मिशन से 49 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार हुए लाभान्वित

36 हजार ग्रामों की जल-प्रदाय योजनाएँ प्रगतिरत
जल जीवन मिशन में प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने के लिए जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य जारी हैं। अब तक 49 लाख 32 हजार 223 ग्रामीण परिवारों तक नल से जल मुहैया करवाया जा चुका है।
जल परियोजनाओं का संचालन और संधारण ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों द्वारा किया जा रहा है। मिशन में ग्रामीण क्षेत्र में संचालित स्कूल और आँगनवाड़ी में भी नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के 70 हजार 163 स्कूल और 40 हजार 763 आँगनवाड़ी केन्द्रों में जल पहुँचाया जा चुका है, जो लक्षित संख्या का लगभग 60 प्रतिशत है।
मिशन में जल प्रदाय योजनाओं को पूरा कर 4 हजार 385 ग्रामों के शत-प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन से जल की सुविधा दी जा चुकी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम प्रदेश में विभिन्न जल संरचनाओं पर निरंतर कार्य कर रहे हैं, जिससे शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक जल पहुँचाना संभव हो सके। प्रदेश में ग्रामीण आबादी के आकलन के अनुसार एक करोड़ 22 लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है, इनमें 40 प्रतिशत से ऊपर लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है।
प्रदेश के 35 हजार 641 ग्राम के हर घर में नल से जल प्रदाय करने के लिए निरंतर कार्य जारी है। इनमें 3637 ग्राम की जल-प्रदाय योजनाओं की 90 प्रतिशत, 2155 ग्राम की 80, 1794 ग्राम की 70 और 28 हजार 055 ग्राम की प्रगति 60 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है।

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सत्यापन नहीं कराने वाले डॉक्टरों को जारी होंगे नोटिस

मप्र मेडिकल ऑफिसर्स एसो ने कहा- प्रक्रिया परेशान करने वाली
 मप्र मेडिकल काउंसिल में सत्यापन नहीं कराने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी किए जाएंगे। डॉक्टरों द्वारा इसका विरोध शुरु कर दिया गया है।मप्र मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन का कहना है कि सह प्रक्रिया  डॉक्टरों को परेशान करने वाली है।
बता दें कि प्रदेश में एलोपैथी डाक्टरों की संख्या पता करने के लिए पहली बार सत्यापन की प्रकिया  शुरू की गई। इसके तहत अभी तक सिर्फ 22 हजार डाक्टरों ने ही पंजीयन कराया है। यह हाल तब है जब मप्र मेडिकल काउंसिल में 55 हजार डाक्टर पंजीकृत हैं।
सत्‍यापन की इस प्रक्रिया में एमपी आनलाइन के माध्यम से मेडिकल काउंसिल द्वारा दिया गया पंजीयन प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज अपलोड किए जाने हैं। कम डाक्टरों द्वारा सत्यापन कराने की वजह से ही दो बार आखिरी तारीख बढ़ाई जा चुकी है।
अंतिम मौका 15 मई तक है। इसके बाद बचे डाक्टरों को नोटिस जारी किया जाएगा। मप्र मेडिकल काउंसिल द्वारा सत्यापन कराने की प्रक्रिया का डाक्टरों के संगठन की तरफ से भी विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि कई डाक्टरों का पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है।
मप्र मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. देवेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि सत्यापन की प्रक्रिया परेशान करने वाली है। काउंसिल के पास तो पहले से ही यह ब्यौरा है कि कितने डाक्टर हैं।
सत्यापन से क्या हासिल हो जाएगा। बता दें कि चिकित्सकों के संगठनों विरोध के बाद ही काउंसिल ने अपलोड किए जाने वाले दस्तावेजों की संख्या कम कर दी है। अब सिर्फ पंजीयन प्रमाण पत्र और आधार कार्ड अपलोड करना है।
पंजीयन को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। इस संबंध में काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार डा. सुबोध मिश्रा ने कहा कि काउंसिल के एक्ट में बदलाव किए बिना इस तरह से सत्यापन की प्रकिया करना उचित नहीं है।
इस बारे में मप्र फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. आरके निगम का कहना है कि अभी तक 18 हजार डाक्टरों ने पंजीयन कराया है। 2019 के बाद पंजीयन कराने वाले चार हजार डाक्टरों का आंकड़ा पहले से है।
इस तरह 22 हजार डाक्टरों का आंकड़ा ही अभी सत्यापित हो पाया है। आखिरी तारीख 15 जून के बाद डाक्टरों को नोटिस देने का निर्णय लिया जाएगा।
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