Press "Enter" to skip to content

न्यूज चैनलों में कितना बदलाव आएगा, TRP पर बैन

साप्ताहिक टीआरपी यानी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट जारी होते ही तमाम न्यूज रूम मैनेजर या एडिटर के बीच चर्चा शुरू हो जाती है कि पहले, दूसरे, तीसरे नंबर पर रहे फलाने चैनल को किस तरह के कंटेंट से फायदा हुआ। विश्लेषण किया जाता है कि उनके खुद के आधे या एक घंटे के प्रोग्राम कितनी टीआरपी बटोर पा रहे हैं। ये देखने के बाद तय किया जाता है कि इस तरह का कंटेंट उन्हें आगे भी अपने यहां चलाना चाहिए या नहीं। जिस तरह का कंटेंट ज्यादा टीआरपी लेकर आता है उसे बढ़ा दिया जाता है और जिस कंटेंट में दर्शकों की रुचि नहीं होती या कम होती है वो चैनलों से गायब हो जाता है।

कुछ वरिष्ठ टीवी पत्रकारों के मुताबिक, टीआरपी के आंकड़े ही तय करते हैं कि न्यूज चैनलों के दर्शक आने वाले दिनों में क्या देखेंगे। लेकिन हाल में रेटिंग प्रणाली में छेड़छाड़ के आरोपों के बाद भारत में टेलीविजन रेटिंग जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने 15 अक्टूबर से न्यूज चैनलों की रेटिंग पर तीन महीनों के लिए अस्थाई रोक लगा दी है। इससे टीआरपी सिस्टम में गंभीर खामियों की बात सामने आई है, जिसे बार्क ने ठीक करने की बात कही है। हालांकि ये रोक सिर्फ 12 हफ्ते के लिए है और एक आधिकारिक बयान में बार्क ने कहा है कि इस दौरान उसकी तकनीकी समिति डेटा को मापने और रिपोर्ट करने के वर्तमान मानकों की समीक्षा करेगी और उसमें सुधार करेगी।

Spread the love
More from National NewsMore posts in National News »

Be First to Comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *