गुना में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद हुए एक्शन पर सवाल उठने लगे हैं। सीजेएम कोर्ट में एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की गई है, जिस पर 17 मई को सुनवाई होना है।
बता दें कि ये याचिका गुना निवासी समाजसेवी कृष्ण कुमार रघुवंशी ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में रविवार को दायर की थी। इसमें रघुवंशी ने एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की है।
सीजेएम आदित्य सिंह ने याचिका स्वीकार कर ली है, जिसकी सुनवाई 17 मई निर्धारित की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने ताकतवर लोगों को बचाने के मकसद और सबूत मिटाने के लिए एनकाउंटर किया है।
बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना गिरफ्तारी के एनकाउंटर बताकर तीन लोगों की हत्या की गई है।
याचिका में कहा गया है कि कानून कहता है कि किसी भी घटना में अगर कोई व्यक्ति शामिल है, तो उसे गिरफ्तार कर 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया है। इस मामले में धारा 157 के तहत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस एनकाउंटर ने अंग्रेजों के रॉलेट एक्ट की याद दिला दी। न वकील, न दलील, सिर्फ पुलिस ही सर्वोपरि है।
बता दें कि गुना के आरोन इलाके के जंगल में शनिवार तड़के पुलिसकर्मी काले हिरण के शिकार के मामले में सर्चिंग करने गए थे। यहां शिकारियों ने छिपकर उन पर फायरिंग की।
तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में दो आरोपियों को पुलिस ने मार गिराया था। इसी पर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं।