यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है. श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी की केवल एक सीट है, लेकिन वह देश के अगले प्रधानमंत्री बन गए हैं.
श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था.
विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन मिला है. उनकी सरकार छह महीने चल सकती है.
सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी), विपक्षी समगी जन बालावेगाया (एसजेबी) के एक धड़े और अन्य कई दलों ने संसद में विक्रमसिंघे के बहुमत साबित करने के लिए अपना समर्थन दिया है.
यूएनपी ने किया था दावा
यूएनपी के अध्यक्ष वी अबेयवारदेना ने विश्वास जताया था कि विक्रमसिंघे को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाए जाने के बाद बहुमत हासिल कर लेंगे. देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गये थे.