Education News. तेजी से बदलती तकनीक, मार्केट व इंडस्ट्री की जरूरतों के आधार पर अब इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों की किताबी ज्ञान के साथ-साथ क्रिएटिविटी बढ़ाने से लेकर तार्किक सोच विकसित करना बेहद जरूरी है।
रट्टा लगाकर छात्र परीक्षा तो पास कर लेंगे पर प्रतियोगिता के इस युग में बेहतर नौकरी पाना मुश्किल होगा।
छात्रों की ऐसी ही कमियों को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के स्नातक, स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों के लिए ‘स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट’ शुरू किया है।
नियमित अंतराल पर छात्र खुद ऑनलाइन परीक्षा में अपनी परख कर सकेंगे। इस ऑनलाइन असेसमेंट को एआईसीटीई ने ‘परख’ का नाम दिया है।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष प्रो. एमपी पुनिया के मुताबिक, परख का मकसद छात्रों को उनकी पढ़ाई और ज्ञान से संबंधित आत्ममंथन करवाना है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को पता लग सकेगा कि कहां पर कमी और किस में सुधार की जरूरत है।
इसमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और एमसीए के सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों के छात्र शामिल हो सकते हैं। एआईसीटीई की वेबसाइट पर पोटर्ल भी है। यहां पर छात्रों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
इन एरिया में विशेष फोकस: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, एआर, ब्लॉकचैन, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग एंड डिजाइन, रोबोटिक्स, मैनेजमेंट (एमबीए व पीजीडीएम) मार्केटिंग, फाइनेंस, आईटी, ऑपरेशनल मैनेजमेंट आदि नए फोकस एरिया है।
डेढ़ लाख बहुविकल्पीय प्रश्न तैयार
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों के लिए परख में पूछे जाने वाले प्रश्न इंडस्ट्री और विशेष विशेषज्ञों ने तैयार किए हैं। एआईसीटीई के प्रश्न पत्र बैंक में डेढ़ लाख प्रश्न एकत्रित हो चुके हैं।
यह बहुविकल्पीय प्रश्न है। इसमें एक प्रश्न के चार उत्तर होंगे, उसमें से छात्र को किसी एक सही उत्तर पर क्लिक करना होगा। इसमें छात्र के संबंधित डिग्री प्रोग्राम के विषयों के ज्ञान पर आधारित प्रश्न, एप्टीट्यूड आधारित प्रश्न होंगे। परीक्षा देने के साथ ही छात्र के ईमेल पर रिपोर्ट कार्ड आ जाएगा।
छात्रों को ऐसे होगा फायदा
परख परीक्षा से छात्रों को सबसे अधिक लाभ होगा। उनमें नई सीखने की प्रवृति उत्पन्न होगी। इससे विषय ज्ञान, क्रिएटिविटी के अलावा स्किल डेवलेपमेंट भी होगा।
परख में शामिल होने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्हें पता लग सकेगा कि अभी जो क्लासरूम व लैब में वे पढ़ाई कर रहे हैं, असल में उसका उन्होंने कितना हासिल किया है।