Press "Enter" to skip to content

फिर 2 युवक ब्लैक में रेमडेसिविर बेचते पकड़े गए, सवाल यह की मास्टर माइंड तक कब पहुंचेगी पुलिस ?

इंदौर पुलिस ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के लिए उपयोग में लाए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी कर रहे दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की सूचना मुखबिर से मिली थी।

पुलिस ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की दो व्यक्ति एक मोटरसाइकिल से नौलखा चौराहा पर रेमडेसिविर इंजेक्शन अवैध रूप से बचने के लिए राजीव गांधी चौराहे की तरफ निकले हैं। मुखबिर की सूचना पर विश्वास कर सहायक उप निरीक्षक अशोक शर्मा प्रधान आरक्षक धीरेंद्र राठौर तथा आरक्षक कमल तथा कपिल ने घेराबंदी कर गाड़ी रोक कर चेक किया तो मोटरसाइकिल पर सवार दो लड़के गणेश पिता भगवान बिरला उम्र 21 वर्ष निवासी भोलाराम उस्ताद मार्ग तथा मनोज सोनी पिता महावीर सोनी भारती कॉलोनी सनावद से यह इंजेक्शन मिले। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तथा तलाशी लेने पर उनके पास एक इंजेक्शन मिला जिसे यह लोग निर्धारित राशि से ज्यादा महंगा बेचने के लिए ले जा रहे थे।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

इन दोनों को धारा 3/7 ईसी एक्ट तथा धारा 420 आईपीसी वाय एपिडेमिक एक्ट 1956 की धारा तीन के तहत अपराध होने से आरोपितों को मौके पर गिरफ्तार कर इंजेक्शन जप्त कर सुरक्षित रखवाया गया। आरोपितों सेे पूछताछ जारी है।

ज्ञात हो कि जब से बाजार में रेमडेसिविर और दवाइयों की शॉर्टेज हुई है तब से प्रतिदिन कोई ना कोई इन दवाइयों की कालाबाजारी करते पकड़ा जा रहा है सवाल यह उठता है कि इन लोगों तक दवाइयां कैसे पहुंची ? ध्यान रहे कि यह सभी कहीं ना कहीं किसी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी है ?  याने की अस्पताल संचालकों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता पुलिस को इस दिशा में जांच करना चाहिए के अस्पताल संचालकों की भूमिका क्या है ।

[/expander_maker]

Spread the love
More from Crime NewsMore posts in Crime News »
More from Indore NewsMore posts in Indore News »