शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन ग्वालियर-चंबल में सीएम के निशाने पर रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में उप चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। उप चुनाव धीरे-धीरे कमलनाथ वर्सेस शिवराज में तब्दील होता जा रहा है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन ग्वालियर-चंबल में मुख्यमंत्री शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को निशाने पर लिया। उन्होंने जनता से पूछा, ‘ उद्योगपति कमलनाथ मुझे नालायक कहते हैं, क्या मैं आपको नालायक लगता हूं? फिर कहते हैं कि शिवराज कलाकार है, एक्टिंग करता है। इससे भी मन नहीं भरा, तो अब उनकी पार्टी कह रही है कि शिवराज नंगा-भूखा है। मैं तो इसी माटी में पैदा हुआ, यहीं खेला और बड़ा हुआ, यहीं खेत जोते पर तुम कहां से आए कमलनाथ?’ ‘तुम उद्योगपति हो, इसीलिए गरीबों की खुशियां छीनीं’ चौहान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा- कमलनाथ तुम उद्योगपति हो, इसीलिए किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, बेरोजगारों को भत्ता नहीं दिया। हम नंगे-भूखे हैं, इसलिए किसानों को जीरो फीसदी ब्याज पर कर्ज देना शुरू किया है। हम नंगे-भूखे हैं, इसलिए किसान सम्मान निधि में चार हजार रुपए जोड़कर देने का फैसला किया।
आप उद्योगपति हैं, इसलिए बेटियों के कन्यादान के 51 हजार रुपए नहीं दिए। हम भूखे-नंगे फिर से बेटियों को कन्यादान की राशि देना शुरू कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ आप बड़े आदमी हो, आपने बच्चों की फीस भरवाना बंद कर दी। हम नंगे-भूखे हैं, हम बच्चों को फिर से लैपटॉप देना शुरू कर रहे हैं। तुम उद्योगपति हो, इसलिए बहनों को प्रसव के बाद मिलने वाले लड्डू के पैसे भी छीन लिए। कमलनाथ जी, किसी गरीब का परिवार न उजड़े, इसके लिए हमारी सरकार सामान्य मौत पर दो लाख और दुर्घटना में मौत पर चार लाख रुपए देती थी, लेकिन आप उद्योगपति हैं, आपने गरीबों से उनका सहारा, उनके कफन के पैसे तक छीन लिए। तुम उद्योगपति हो, तुमने चंबल एक्सप्रेस-वे का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया था, हम नंगे-भूखे उसे फिर से शुरू कर रहे हैं। मरी चुहिया निकली कर्जमाफी, हाथ में लेकर घूम रहे कमलनाथ शिवराज ने कहा- 15 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार आई, तो हमने सोचा था कि ये सरकार कुछ अच्छा करेगी, वादे पूरे करेगी। लेकिन कांग्रेस ने जिस कर्जमाफी के नाम पर किसानों को धोखा दिया, वह पहाड़ नहीं, बल्कि मरी हुई चुहिया निकली और कमलनाथ उसे हाथ में लेकर घूम रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि हमारी सरकार बनने पर सभी किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होगा। लेकिन जब सरकार बनी, तो आदेश निकाला कि सिर्फ अल्पकालीन फसली ऋण ही माफ होगा। लाखों किसान कर्जमाफी से बाहर हो गए।
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