नई दिल्ली। भारतीय टीम के बल्लेबाज रहे रॉबिन उथप्पा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उथप्पा एक ऐसे बल्लेबाज के तौर पर याद किये जाएंगे जो किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी में माहिर था। इसके अलावा वह जरुरत पड़ने पर विकेटकीपर की जिम्मेदारी भी उठाने में सक्षम थे।
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार कहा था, रॉबिन हमारे ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जो किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने की क्षमता रखते हैं। वह पारी शुरु कर सकते हैं। तीसरे नंबर पर बल्लेबाज के अलावा वह निचले -मध्य क्रम पर भी खेल सकते हैं। जब टीम में ऐसा खिलाड़ी होता है तो तय है कि विकल्प भी बढ़ जाते हैं। वह हमारी टीम के बेहद अहम खिलाड़ी हैं।’
गौरतलब है कि साल 2008 के एक टूर्नामेंट में रॉबिन उथप्पा ने 8 बार बल्लेबाजी की। इसमें से तीन बार पारी शुरु की। एक बार तीसरे नंबर पर उतरे और 4 बार 7 नंबर पर बल्लेबाजी की। अहम बात यह रही कि उन्हें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के रहने के बाद भी पारी शुरु करने को भेजा गया था।सीरीज के दूसरे फाइनल में इस बल्लेबाज ने सचिन के साथ पारी शुरु करते हुए 30 रन बनाए थे जबकि इसी मैच में गंभीर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे।
वह उन बल्लेबाजों में से एक रहे हैं, जो तेज गेंदबाजों को चहलकदमी करते हुए आगे आकर खेलते थे। ऐसा करने के लिए ना सिर्फ बल्लेबाज को तकनीकी रूप से पारंगत होना होता है, बल्कि 140-150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आ रही गेंद के और करीब जाकर खेलने का खतरा उठाना पड़ता है।
उथप्पा का अंतरराष्ट्रीय करियर उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। उन्होंने 46 एकदिवसीय मैचों में 25.94 की औसत से 934 रन बनाए। इसी तरह 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 24.90 की औसत से 249 रन बनाये हैं। वहीं उन्होंने 142 फर्स्टक्लास मैच में 40.71 की औसत और 22 शतक की मदद से 9446 रन बनाए हैं। लिस्ट ए और घरेलू टी20 मैचों में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्रिकेटर ने 203 लिस्ट ए मैच में 35.31 की औसत और 16 शतक की मदद से 6914 रन बनाए हैं। इसी प्रकार उन्होंने 291 टी20 मैचों में 28.18 की औसत से 7272 रन बनाए, जिनमें 92 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा।