विश्व जल दिवस : मप्र में फिर शुरू होगा जलाभिषेक कार्यक्रम – सीएम की घोषणा

sadbhawnapaati
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भोपाल। विश्व जल दिवस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि जलाभिषेक कार्यक्रम पुन: प्रारंभ होगा। गत दो साल कोरोना के कारण और डेढ़ वर्ष सरकार न होने के कारण कार्यक्रम बंद था।अब इसे फिर से शुरू करेंगे। 15 जून तक कार्यक्रम चलेगा। जनभागीदारी से जलसंरक्षण का अभियान छेड़ा जाएगा। जनसहयोग से नवीन जल संरचनाएं निर्मित की जाएंगी। बता दें कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।इसी के मद्देनजर शिवराज संबोधित कर रहे थे। सीएम शिवराज ने कहा कि जल ही जीवन है।इसका दुरुपयोग रोकना हम सबका कर्तव्य है। हम पानी बचाने, इसे प्रदूषित होने से रोकने के प्रयास करें। यह हमारी भावी पीढ़ी को स्वस्थ, समृद्ध, खुशहाल जीवन की सौगात होगी।मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि वर्षा के जल को  इक्ककठा करें ताकि भूजलस्तर भी बढ़े। अलग-अलग तालाबों, नहरों का जीर्णोद्धार करें।चेकडेम-स्टॉपडेम जैसी जलसंरचनाएं बचाएं। जन अभियान परिषद ने नदियों को पुनर्जीवित करने का काम व्यापक स्तर पर हाथ में लिया था। काम अच्छा हुआ था, पर बीच में अभियान कोरोना के कारण थम सा गया था।अब हमकों पानी बचाने के क्षेत्र में काम करना है। जल  की उपयोगिता हम सब जानते हैं, इसलिए जल जीवन मिशन चला रखा है।हैंडपंप की जगह नल-जल योजना से हर घर में टोटी वाला नल लगाकर पीने पानी दें, सिंचाई के लिए योजना चल ही रही है।हमने लक्ष्य बना रखा है कि सिंचाई की क्षमता 43 लाख हैक्टेयर से बढ़ाकर 65 लाख हैक्टेयर करना है। एक तरफ हम पीने का पानी पहुंचा रहे हैं, दूसरी तरफ हम सिंचाई का रकबा बढ़ाते जा रहे हैं।लेकिन इसके लिए पानी तो चाहिए, इसलिए वर्षा जल को कैसे भी हम संरक्षित कर रख पाएं उसके लिए हमको हर संभव उपाय करना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे अप्रैल, मई और जून के 15 दिन तक चलेगा अभियानमंत्री सिलावट की पहल पर इंदौर के प्रबुद्धजनों ने जल संरक्षण का दिया संदेश

भोपाल। विश्व जल दिवस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि जलाभिषेक कार्यक्रम पुन: प्रारंभ होगा। गत दो साल कोरोना के कारण और डेढ़ वर्ष सरकार न होने के कारण कार्यक्रम बंद था।

अब इसे फिर से शुरू करेंगे। 15 जून तक कार्यक्रम चलेगा। जनभागीदारी से जलसंरक्षण का अभियान छेड़ा जाएगा। जनसहयोग से नवीन जल संरचनाएं निर्मित की जाएंगी। बता दें कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

इसी के मद्देनजर शिवराज संबोधित कर रहे थे। सीएम शिवराज ने कहा कि जल ही जीवन है।

इसका दुरुपयोग रोकना हम सबका कर्तव्य है। हम पानी बचाने, इसे प्रदूषित होने से रोकने के प्रयास करें। यह हमारी भावी पीढ़ी को स्वस्थ, समृद्ध, खुशहाल जीवन की सौगात होगी।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि वर्षा के जल को  इक्ककठा करें ताकि भूजलस्तर भी बढ़े। अलग-अलग तालाबों, नहरों का जीर्णोद्धार करें।

चेकडेम-स्टॉपडेम जैसी जलसंरचनाएं बचाएं। जन अभियान परिषद ने नदियों को पुनर्जीवित करने का काम व्यापक स्तर पर हाथ में लिया था। काम अच्छा हुआ था, पर बीच में अभियान कोरोना के कारण थम सा गया था।

अब हमकों पानी बचाने के क्षेत्र में काम करना है। जल  की उपयोगिता हम सब जानते हैं, इसलिए जल जीवन मिशन चला रखा है।

हैंडपंप की जगह नल-जल योजना से हर घर में टोटी वाला नल लगाकर पीने पानी दें, सिंचाई के लिए योजना चल ही रही है।

हमने लक्ष्य बना रखा है कि सिंचाई की क्षमता 43 लाख हैक्टेयर से बढ़ाकर 65 लाख हैक्टेयर करना है। एक तरफ हम पीने का पानी पहुंचा रहे हैं, दूसरी तरफ हम सिंचाई का रकबा बढ़ाते जा रहे हैं।

लेकिन इसके लिए पानी तो चाहिए, इसलिए वर्षा जल को कैसे भी हम संरक्षित कर रख पाएं उसके लिए हमको हर संभव उपाय करना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

पूरे अप्रैल, मई और जून के 15 दिन तक चलेगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जलाभिषेक अभियान चलाया जा रहा है। पूरे अप्रैल, मई और जून के 15 दिन तक जनता के सहयोग से जल संरचनाएं बनाने का अभियान छेड़ेंगे।
मैंने जनअभियान परिषद को इसलिए बुलाया कि जनअभियान परिषद जनता को जोड़ेगी, एनजीओ मदद करेगी।
जन अभियान खुद तो काम करेगी ही, लेकिन अलग-अलग एनजीओ को जोड़कर इस काम को करवाएगी। जनभागीदारी से जल संरक्षण होगा। इसका उद्देश्य जनता को जल संरक्षण से जोड़ना है।

मंत्री सिलावट की पहल पर इंदौर के प्रबुद्धजनों ने जल संरक्षण का दिया संदेश

विश्व जल दिवस पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर इंदौर के प्रबुद्धजनों ने जल संरक्षण की शपथ लेते हुए जागरूकता का संदेश दिया।

इस अवसर पर कलेक्टर मनीष सिंह, पद्मश्री श्रीमती जनक पाल्टा मैकगिलिगन, पद्मश्री सुशील दोशी, पद्मश्री भालू मोंडे, अशोक सोजतिया, मीर रंजन नेगी, पुरषोत्तम पसारी, एन.एन. गांधी, श्रीमंत अन्ना महाराज, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेणु जैन भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों को भी जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।

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