सदभावना पाती – डॉ. देवेन्द्र
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शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को मेडिकल में प्रवेश पर 5 प्रतिशत आरक्षण: मुख्यमंत्री ने की घोषणा
MP News in Hindi. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार दिनांक 23 मार्च को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को मेडिकल प्रवेश में आरक्षण को लेकर घोषणा की उन्होंने कहा मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के रिजल्ट की दो लिस्ट बनेगी। एक सामान्य लिस्ट बनेगी. एक सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए 5 परसेंट का आरक्षण देकर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत सामान्य नीट के आधार पर लिस्ट बनेगी। 5 प्रतिशत सरकारी स्कूलों के बच्चों को आरक्षण दिया जाएगा.
सदभावना पाती अख़बार ने कोचिंग और प्राइवेट स्कूलों की मिलीभगत से चल रहे डमी एडमिशन के खेल का स्टिंग ऑपरेशन कर यह खुलासा किया था कि किस तरह प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी फर्जी एडमिशन लेकर पूरे समय कोचिंग में पढ़ाई कर नीट और जेईई की परीक्षा में ज्यादा सेलेक्ट हो रहे हैं इस कारण शासकीय स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का सिलेक्शन नहीं हो पाता है.
इस मुद्दे को लेकर सदभावना पाती लगातार शासन को शिकायत करता रहा जिसका परिणाम ये हुआ कि 23 फ़रवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कर दी कि शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को एक निश्चित सीमा तय कर मेरिट लिस्ट के आधार पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश पर आरक्षण दिया जाएगा. जल्द ही इस संदर्भ में नियम घोषित किये जाएँगे.
स्टिंग ऑपरेशन की मूल भावना यही थी कि शासकीय स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य पर अतिक्रमण किया जा रहा था जिसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने समझा और विद्यार्थियों के हित में घोषणा की. इसके पूर्व में सरकार गरीब और प्रतिभावान छात्रों की इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की फीस भरने का भी फैसला कर चुकी है.
इन स्कूल और कोचिंग का खुलासा किया जा चुका है.
- पायनियर कान्वेंट स्कूल
- स्कॉलर्स यार्ड स्कूल
- सीता देवी स्कूल
- आयाम कोचिंग
- नारायणा कोचिंग
- कैटेलाईज़र कोचिंग
कई अन्य..
एक निवेदन और सदभावना पाती मुख्यमंत्री जी से एक निवेदन और करता है कि डमी प्रवेश करने वाले स्कूलों की मान्यता निरस्त कर संचालकों को जेल भेजें और लुटेरे कोचिंग संस्थानों पर उचित कानूनी कार्रवाई करवाएं।
क्या था स्टिंग ऑपरेशन में
शासकीय स्कूलों के गरीब रेगुलर विद्यार्थी जो पूरे 2 वर्ष 11वीं एवं 12वीं की परीक्षा के साथ एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करते हैं वहीँ डमी स्कूलों के विद्यार्थी पूरे समय सिर्फ एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर ज्यादा अच्छा रिजल्ट निकाल प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाकर उन गरीब छात्रों के भविष्य पर अतिक्रमण कर लेते हैं. ऐसे में शासकीय स्कूलों के गरीब विद्यार्थियों का मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश मिलना कठिन हो जाता है.
अनेकों संस्थानों में सदभावना पाती द्वारा स्टिंग ऑपरेशन किया गया और पाया कि कोचिंग और प्राइवेट स्कूल खुलेआम डमी प्रवेश का खेल खेल रहे हैं. इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए दसवीं कक्षा के कई उत्तीर्ण गैर-उपस्थित स्कूलों में ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश लेते हैं. धंधेबाज कोचिंग वाले स्कूलों और भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. वहीँ गैर-अटेंडिंग स्कूल छात्रों को कैंपस लाइफ से भी वंचित कर रहे हैं।