शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ
हिंदू ग्रंथों के अनुसार देवी काली को महाकाली भी कहा जाता है, शास्त्रों में बताया गया है काली का अर्थ होता है समय और काल। काल, जो हर किसी को अपने अंदर निगल जाए। जिस तरह महाकाल को काल का देवता कहा जाता है ठीक उसी तरह देवी काली को अंधकार और श्मशान की देवी माना जाता है। ग्रंथों में लिखा है कि मां कालिका की उत्पत्ति धर्म की रक्षा तथा पापियों और राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था। बता दें दशमहाविद्याओं में सबसे पहले माता इन्हें कहा जाता है। शास्त्रों में इन्हें यानि देवी काली को माता जगदम्बा की महामाया भी कहा जाता है।
इनकी उपासना अधिक लाभकारी मानी जाती हैं, यहां जानें इनसे जुड़े वैदिक, पौराणिक तथा साबर मंत्र |
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पहला साबर मंत्र |
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करना चाहिए, इससे जाप करने वाले को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती हैं ।
ध्यान रहें 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें ।
दूसरा साबर मंत्र |
ॐ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी,
ज्योति तेरी है निराली,
पीती भर भर रक्त की प्याली,
कर भक्तों की रखवाली,
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
इस मंत्र के जप से शत्रु भय और भूत-प्रेत भय निवारण होता है, मंत्र हर तरह के तांत्रिक प्रभाव आदि को दूर करता है। साथ ही साथ रोग-शोक के साथ साथ शारीरिक और मानसिक संताप दूक होते हैं ।
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