कोरोना वायरस रोकने में नाइट कर्फ्यू या आंशिक लॉकडाउन ज्यादा असरदार नहीं: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन

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देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना से रोकने में नाइट कर्फ्यू शनिवार-रविवार को लगाए जाने वाले कर्फ्यू ज़्यादा असरदार नहीं हैं. उनका मानना है कि वैक्सीनेशन से ही कोरोना की दूसरी लहर पर लगाम लगाई जा सकती है. बता दें कि देशभर से इन दिनों कोरोना के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को कोरोना के करीब 60 हज़ार नए मरीज़ मिले. हर्षवर्धन ने मीडिया ग्रुप के कार्यक्रम में कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है, लेकिन आंशिक लॉकडाउन जैसे कि नाइट कर्फ्यू हफ्ते के अंत में लगाए जाने वाले लॉकडाउन का ज्यादा असर नहीं होता है.’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार टीकाकरण अभियान को तेज़ करने पर विचार कर रही है. टीके के लिए उम्र की सीमा घटाई जा रही है.

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सरकार की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ये भी कहा कि सरकार अब कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए पहले के मुकाबले अब ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक फिलहाल देश में 6 वैक्सीन पर काम चल रहा है. इन वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग दौर में है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि देश को जल्द ही वैक्सीन मिल जाएगा. फिलहाल भारत में दो वैक्सीन उपलब्ध है.

वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित
हर्षवर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन कोविशील्ड दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित प्रतिरोधक हैं तथा देश में इस्तेमाल किए जा रहे इन टीकों की सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई चिंता की बात सामने नहीं आई है. हर्षवर्धन ने कहा कि जहां ऐसे मामले सामने आए हैं, उन देशों की सरकारों द्वारा ऐसे मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के सभी मामलों की निगरानी एक सुव्यवस्थित मजबूत निगरानी प्रणाली के जरिए की जाती है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।