म्यांमार के लोगों को भारत में ना घुसने दें, राहत शिविर और खाने-पीने के इंतजाम पर भी रोक – मणिपुर सरकार

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

म्यांमार में जारी सियासी संकट के चलते वहां के नागरिक एक बार फिर भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. इस वजह से मणिपुर सरकार ने सीमा से लगे पांच जिलों को निर्देश दिया है कि वो म्यांमार के लोगों को भारत में ना घुसने दें. साथ ही कहा है कि शरणार्थियों के लिए राहत शिविर नही लगाए जाएं और ना ही उनके खाने पीने का इंतजाम किया जाए. फिर भी अगर वो शरण मांगने आते हैं तो उन्हें हाथ जोड़कर वापस भेज दिया जाए. मणिपुर सरकार के विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश ने उपायुक्तों को लिखे गए पत्र में कहा है कि म्यांमार में हो रही घटनाओं के चलते वहां के नागरिक सीमावर्ती राज्यों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए सीमा पर सख्त पहरा दिया जाए.

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

मणिपुर सरकार का निर्देश

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर सरकार ने म्यांमार की सीमा से लगे पांच जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि गंभीर चोटों के मामले में मानवीय विचारों को ध्यान में रखते हुए सिर्फ चिकित्सा दी जा सकती है. वहीं एच ज्ञान प्रकाश ने कहा है कि आधार नामांकन को तत्काल रोका जाना चाहिए. साथ ही मणिपुर गृह विभाग ने मंगलवार तक संबंधित जिला प्रशासन से कार्रवाई पर रिपोर्ट भी मांगी है.

कुछ महिलाओं और बच्चों ने भारत में घुसने की कोशिश की

अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को महिलाओं और बच्चों समेत कुछ म्यांमारियों ने मोरेह तमू सीमा के जरिए मणिपुर में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. मणिपुर मीडिया ने बताया कि पिछले हफ्ते म्यांमार में गोली लगने से घायल तीन म्यांमार नागरिकों को मणिपुर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी और उन्हें इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, उनमें से दो की हालत गंभीर है.

सीएम ज़ोरमथांगा ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन शरणार्थियों को शरण, भोजन और आश्रय देने करने का आग्रह किया है, जो पिछले महीने म्यांमार में सैन्य शक्ति हासिल करने के बाद से राज्य में पहुंचे हैं. वहीं ज़ोरमथांगा ने पीएम मोदी को 18 मार्च को पत्र लिख कर उनके हस्तक्षेप करने की मांग की है.

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।