नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी शिक्षण संस्थानों में सेंटर फॉर हैप्पीनेस यानी आनंदम बनेंगे। आगामी सत्र में आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम ऐसे सेंटर खुलेंगे। यहां पर शिक्षा और रोजगार से जोड़ने पर काम के अलावा तनाव दूर करने पर भी काम होगा। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत ही आईआईएम जम्मू में पहला सेंटर फॉर हैप्पीनेस गठित हो गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में पढ़ाई, कौशल विकास और रोजगार से जोडने पर ही काम नहीं होगा। इसमें छात्रों और शिक्षकों का तनाव दूर करने पर फोकस किया जाएगा।
दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना और अच्छी शिक्षा के साथ रोजगार को लेकर हर छात्र, शिक्षक और अभिभावक परेशान रहता है। पहले सिर्फ पढ़ाई पर फोकस होता था। लेकिन अब गुणवत्ता युक्त शिक्षा और कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार से जोड़ने पर काम होगा।इसके अलावा जिंदगी की भागम-भाग का तनाव भी दूर किया जाएगा। इसलिए नई शिक्षा नीति में सेंटर फॉर हैप्पीनेस आनंदम का मसौदा बनाया गया है। ऐसे सेंटर स्कूल और उच्च शिक्षा के छात्रों को उनका तनाव दूर कर आगे बढ़ने में मदद करेंगे।
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मानसिक स्वास्थ्य सबसे जरूरी
शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक फिटनेस बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस सेंटर मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के तहत हर पहलू पर काम होगा। पहले वर्ष दाखिला लेने वाले और आखिरी वर्ष पास आउट होने वाले छात्रों को विशेषकर इस सेंटर से जोड़ा जाएगा।
देश का पहला आनंदम आईआईएम जम्मू में स्थापित
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सेंटर फॉर हैप्पीनेस यानी आनंदम आईआईएम जम्मू में स्थापित किया गया है। यहां छात्रों और शिक्षकों के अलावा कर्मियों को खुश रहने के तरीके और तनाव दूर करने के लिए विशेष कक्षाओं से जोड़ा जाएगा। इसमें आर्ट ऑफ लिविंग भी मदद करेगा।
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