मध्यप्रदेश में अस्पतालों की बजाय स्कूलों में हो वैक्सीनेशन पार्ट-3, सीएम ने दिया सुझाव

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मध्यप्रदेश में 1 मई से देश की 18+ आबादी का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को रिव्यू मीटिंग के दौरान अफसरों को निर्देश दिए कि वैक्सीनेशन पार्ट-3 का प्लान तैयार कर लें।

दरअसल, सरकार ने प्रदेश में 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के 3.40 करोड़ लोगों के लिए शुरू हो रहे वैक्सीनेशन अभियान के लिए राज्य सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 45 लाख कोविशील्ड का पहला ऑर्डर दिया है, लेकिन अभी निर्माता कंपनी की तरफ से फिलहाल यह जानकारी नहीं दी है कि वह मप्र को कब और कितनी वैक्सीन उपलब्ध कराएगा। इसके बाद ही वैक्सीनेशन के प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।

बैठक में सुझाव दिया गया कि वैक्सीनेशन सरकारी अस्पतालों की बजाय स्कूलों में होना चाहिए। वजह है, अस्पतालों में भीड़ ज्यादा हो जाएगी और वैक्सीनेशन के लिए जाने वाले संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्लान तैयार किया जाए। इससे पहले भोपाल में 1 मई से हर दिन 15 से 20 हजार लोगों को हर दिन वैक्सीन लगाने का टारगेट रखा गया है।

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भोपाल में अब तक 5.19 लाख लोगों का वैक्सीनेशन
भोपाल में अभी तक 45 साल से ज्यादा के करीब 5 लाख 19 हजार लोगों को टीका लग चुका है। इसके बाद इस श्रेणी के करीब 10 लाख लोगों का वैक्सीनेशन बाकी है। दरअसल, कोरोना कर्फ्यू के चलते वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो गई है। मंगलवार को राजधानी में 1,319 लोगों ने वैक्सीन लगवाई।

शिवराज की केंद्र से अपील
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से से अपील की है कि केंद्र से मुफ्त मिलने वाली वैक्सीन का उपयोग भी 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन में करने की अनुमति मिले। बता दें कि 45 साल से ज्यादा उम्र के 1.29 करोड़ लोगों को जोड़ लिया जाए, तो अब 4 करोड़ 70 लाख लोगों को वैक्सीन लगनी है। इसके लिए 9 करोड़ 40 लाख डोज की जरूरत है। अब तक 45 से ज्यादा उम्र की 32% आबादी को ही वैक्सीन की पहली डोज ही लग पाई है।

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